रायपुर| दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ी के नीचे खोले गए नए पुलिस कैंप पर माओवादियों ने हमला किया है। जंगल की तरफ से माओवादियों ने कैंप पर 15 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागे हैं। साथ ही अंधाधुंध फायरिंग भी की। नक्सलियों के इस हमले से सीएऍफ़ के 2 जवान और 2 महिला मजदूर घायल हो गईं। हालांकि, सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है। एक महिला मजदूर को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि दोनों जवान और दूसरी महिला मजदूर का कैंप में ही उपचार किया गया। मामला किरंदुल थाना क्षेत्र का है।
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दंतेवाड़ा जिले के अति संवेदनशील इलाके हिरोली में हाल ही में पुलिस कैंप स्थापित किया गया है। बुधवार की रात माओवादियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के नक्सलियों ने कैंप पर अचानक हमला कर दिया। अचानक हुई इस गोलीबारी के बाद जवानों ने फौरन मोर्चा संभाल लिया। नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया। करीब 40 मिनट तक यहां रुक-रुक कर गोलीबारी हुई। नक्सलियों की फायरिंग में सीएऍफ़ के आरक्षक सलीम लकड़ा के पीठ में और आरक्षक किशन सूर्यवंशी के दाहिने कान के पीछे गोली लगी।वहीं कैंप का निर्माण काम में लगे मजदूर भी यहीं थे। गोलीबारी में दुले हेमला के पेट और बुदरी ताती के चेहरे को छूकर गोली निकली। हालांकि सभी की स्थित सामान्य है। देर रात 108 की मदद से महिला मजदूर दुले को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल लाया गया। अन्य का कैंप में पदस्थ डॉक्टरों ने इलाज किया। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सभी की स्थिति खतरे से बाहर है। माओवादियों ने कैंप पर कुल 15 बीजीएल दागे थे जिनमें 7 फटे। डीआरजी की टीम कैंप पहुंच गई है। इलाके की सर्चिंग की जा रही है।