०० भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने मुख्यमंत्री से फोन टेपिंग की बाबत किए थे सवाल, मुख्यमंत्री ने भाजपा पर किया तीखा हमला
रायपुर| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री से फोन टेपिंग की बाबत सवाल दागे तो मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, फोन टेपिंग भाजपा की फितरत है। पिछले दिनों जितने छापे पड़े उसमें एजेंसियों से लोगों को बातचीत की डिटेल बताई। क्या यह टेपिंग लीगल वे से हुई थी? दिल्ली से लौटे मुुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है कि विपक्ष की सरकार चले। इसलिए तोड़फोड़ करने में लगे हुए हैं। वे पहले गुजरात गए, फिर असम गए। इसका मतलब पर्दे के पीछे भी यही लोग हैं। कर्नाटक में किया, राजस्थान में किया, मध्यप्रदेश में किया, यहां भी लगातार लगे हुए हैं। कभी ईडी, कभी आईटी, कभी इसका, कभी उसका। कभी फोन टेपिंग। यह सभी ये लोग करा रहे हैं। ईलीगल रूप से करा रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा, अब विष्णुदेव साय सवाल पूछ रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं, पेगासस से जासूसी किसने करवाई। फोन टेपिंग क्या उनके नेताओं की नहीं हुई, वे बताएं। विपक्ष का भी हुआ, नौकरशाहों का भी हुआ और उनके नेताओं का भी हुआ। उसके मामले में क्या बोलेंगे विष्णुदेव साय और रमन सिंह जी। उस मामले में तो जजों के भी फोन टेप हुए। इनकी तो फितरत ही है फोन टेपिंग की। अभी जितने छापे पड़े हैं, उन्हीं से पूछ लो कि सेंट्रल एजेंसी वाले फोन टेप कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार है, उनकी एजेंसी है, उनसे पूछें कि कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं। जिनके-जिनके यहां छापा पड़ा उन्हें बताया कि नहीं बताया कि तुमने यह-यह बात की थी। क्या वह लीगल वे से फोन टेपिंग किया था। इनका पुराना ट्रेक रिकॉर्ड ही यही है। इस आधार पर मैंने बोला है कि फोन टेपिंग कर रहे हैं। कोई नई बात नहीं है। ये पेगासस के बारे में बता दें। रमन सिंह बता दें कि पिछले समय पत्रकारों के फोन टेप होते थे कि नहीं होते थे। अधिकारियों के होते थे कि नहीं होते थे।
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मुख्यमंत्री ने निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता और उनके खिलाफ लगे आरोपों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, मुकेश गुप्ता क्या करते थे। दोनों तरफ से ईओडब्ल्यू में भी थे और इंटेलिजेंस में भी थे। दोनों का उपयोग वही करते थे। क्या हुआ था सब जानते हैं। रमन सिंह के समय क्या, अफसर, क्या विधायक, क्या मंत्री सब लोग डरे रहते थे कि बात मत करो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो दिन पहले दिल्ली में मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि उनकी सरकार और अस्थिर करने की कोशिश है, इसलिए केंद्र सरकार उनके यहां फोन टेपिंग करा रही है। इसके बाद छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री से सवाल पूछे थे। उन्होंने पूछा, भूपेश बघेल बताएं कि कांग्रेस का कौन मंत्री,विधायक अनैतिक कार्य कर रहा है जिसका फोन टेप हो रहा है? भूपेश बघेल सरकार फोन पर ऐसे कौन से कृत्य कर रही है, जिससे फोन टेप कर ब्लैकमेल करने का भय उन्हें सता रहा है? और क्या भूपेश बघेल को अपने घर के भीतर (कैबिनेट) से खतरा है ? यदि है तो वे ऐसे साथियों पर एक्शन क्यों नहीं ले रहे, जिनकी बातें उजागर होने पर उनको अपनी सरकार अस्थिर होने का अंदेशा है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके भी राष्ट्रपति पद की दावेदार थीं। उन्होंने कहा, अनुसूईया उइके जी भी लगी हुई थीं, लेकिन इनको मौका नहीं मिला। क्योंकि इनकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की थी। ये पहले कांग्रेस से विधायक थीं।
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महाराष्ट्र संकट के पीछे केंद्रीय एजेंसियां :- मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक संकट के पीछे केंद्र सरकार और उनकी एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, एयरपोर्ट पर किस प्रकार से पुलिस वाले ठोकर मारते हुए ले जा रहे हैं यह तो दिखाई दे रहा है। ये तो खरीद-फरोख्त, छल-बल-दल सब इस्तेमाल हो रहा है। आखिर नारायण राणे, हेमंत विस्वशर्मा, मुकुल रॉय ये सब विपक्ष में थे और ईडी का केस बना, आईटी का केस बना तो खूब हल्ला हुआ कि बहुत बड़ा केस है। जैसे ही वे गए (भाजपा में), सब ठीक। अभी एक जने हार्दिक पटेल भी गए हैं। क्यों गए हैं, यह सबको समझ में आ रहा है। वहां जाते हैं सब पाक-साफ हो जाता है। फेयर एंड लवली।
अग्निपथ पर केंद्र काे चुनौती, यह वापस लेना होगा :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जैसे तीन काले कानून बने थे। राहुल जी ने कहा, इसको वापस लेना होगा और लिये। माफी मांग कर लिये। उससे पहले क्या-क्या नहीं किया। किसानों को आतंकवादी घोषित किया, तार घेर दिये, गड्ढे खोद दिये, कील गाड़े, सब कुछ किया। सब कुछ करके भी कानून वापस लेना पड़ा। पहले किसान के साथ किया, अब नौजवान के साथ कर रहे हैं। ये कानून भी वापस होगा। इसकी तो लोकसभा में चर्चा ही नहीं हुई है पारित होना तो दूर की बात है। यह देश किसानों का है, जवानों का है। लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था जय जवान, जय किसान। किसानों को पहले कुचला, अब जवानों को कुचलने की तैयारी है।