26 जून को देश के नामचीन आलोचक सहित कई महत्वपूर्ण साहित्यकार करेंगे किशन लाल के उपन्यास “चीटियों की वापसी” पर चर्चा

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मुक्तिबोध की कहानी “पक्षी और दीमक” पर झारखंड के संस्कृतिकर्मी दिनकर शर्मा भी देंगे अपनी एकल प्रस्तुति

रायपुर| अपनी विशिष्ट लेखन शैली के चलते बेहद कम समय में अपनी देशव्यापी पहचान स्थापित करने वाले छत्तीसगढ़ के प्रमुख कथाकार-उपन्यासकार किशन लाल के चर्चित उपन्यास चींटियों की वापसी पर 26 जून रविवार की शाम पांच बजे सिविल लाइन स्थित वृंदावन हॉल में एक महत्वपूर्ण चर्चा गोष्ठी आयोजित की गई है.

 

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अपना मोर्चा डॉट कॉम की तरफ से आयोजित इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि देश के प्रसिद्ध आलोचक जय प्रकाश होंगे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जन संस्कृति मंच से संबंद्ध चर्चित आलोचक प्रोफेसर सियाराम शर्मा करेंगे. कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता व्यंग्यकार विनोद साव होंगे. वहीं विशेष टिप्पणी समीक्षक अजय चंद्रवंशी की होगी. लेखकीय वक्तव्य किशन लाल देंगे. कार्यक्रम का संचालन युवा कवि कमलेश्वर साहू करेंगे. इस मौके पर झारखंड के संस्कृतिकर्मी दिनकर शर्मा भी मुक्तिबोध की कहानी ” पक्षी और दीमक” पर अपनी एकल प्रस्तुति देंगे.

 

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यहां बताना आवश्यक होगा कि छत्तीसगढ़ के धमतरी के पास स्थित एक गांव देमार में जन्में किशन लाल अपने कैरियर के प्रारंभिक दिनों में एक शिक्षक थे. उसके बाद उनका रूझान पत्रकारिता की तरफ हुआ. उन्होंने कई छोटे-बड़े संस्थानों में अपनी सेवाएं दी. फिलहाल वे छत्तीसगढ़ संवाद में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत है. संघर्ष की भट्ठी में तपे किशन लाल का पहला उपन्यास “किधर जाऊं” मोची समाज की विडंबनाओं पर आधारित था जिसकी खासी चर्चा हुई थीं. जबकि दूसरे उपन्यास “चींटियों की वापसी” में  उन्होंने नई राजधानी की बसाहट के दौरान विस्थापित किए गए ग्रामीणों के दर्द को बेहद मार्मिक ढंग से उकेरा हैं|

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