राज्यपाल सुश्री उइके श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल
04 विशिष्टजनों को मानद् उपाधि से किया गया सम्मानित
रायपुर| राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। उन्होंने इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन, प्रसिद्ध पंडवानी गायिका श्रीमती तीजनबाई, प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राजेश कोटेचा तथा पूर्व न्यायाधीश श्री अशोक भूषण को मानद उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही राज्यपाल ने 25 विद्यार्थियों को अपने संकाय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक तथा 1 हज़ार 142 विद्यार्थियों को उपाधि और पत्रोपाधि प्रदान की। इस अवसर पर श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री रविशंकर महाराज, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, केन्द्रीय राज्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण एवं जल शक्ति श्री प्रह्लाद पटेल, छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम एवं सांसद रायपुर श्री सुनील सोनी उपस्थित थे।
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राज्यपाल सुश्री उइके ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मानद उपाधि से सम्मानित विशिष्टजनों और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ-साथ हम सभी के लिए गौरव की बात है कि देश के विकास में सर्वोत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्वतजनों को सम्मान स्वरूप मानद उपाधि दी गई है। आप सभी विद्यार्थियों को इन विद्वानों का अनुसरण करना चाहिए कि जीवन में किस प्रकार परिश्रम कर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज के दौर में युवाओं को परंपरागत पद्धतियों और नई तकनीकों के मध्य सामंजस्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ना होगा। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि दीक्षांत समारोह वह स्वर्णिम अवसर है जिसका आप सभी विद्यार्थी अपने अध्ययन काल के समय से ही प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। यही प्रतीक्षा आज परिणाम में परिणित हुई है और आपको प्राप्त हुई उपाधियों ने आपके लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि अब आप अपनी इच्छानुरूप सेवा का अवसर चुन सकते हैं, किन्तु आपको मानव कल्याण के उद्देश्य को सर्वोपरि रखकर कार्य करना होगा। यही उपयुक्त समय है जब आप अपने देश व समाज को कुछ लौटाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि एक बेहतर संस्थान से पढ़ाई पूरा करने के बाद आपका दायित्व है कि आप देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें और राष्ट्र निर्माण में सहयोग दें। यहां से प्रशिक्षित एवं दीक्षित विद्यार्थी भारतीय ज्ञान परंपरा को आत्मसात् कर अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित करें और भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों का संरक्षण भी करें।
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राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि जहां तकनीक, दुनिया को समय से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वहीं परंपरागत शिक्षा पद्धतियां स्थायित्व पर जोर देती हैं। भारत में बौद्धिकता और अनुभव की विशाल संपदा है, युवाओं को इसका भरपूर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी केवल डिग्री प्राप्त करना ही अपना उद्देश्य न मानें, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान अर्जित करें और उत्कृष्ट आचार-विचार और संस्कार को अपने जीवन में आत्मसात करें। राज्यपाल ने संबोधन के अंत में दीक्षांत समारोह के गरिमामय आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि आप सभी ने विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की है और अब दीक्षित होकर सामाजिक जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। आप किसी भी क्षेत्र से जुड़े हों, आपको अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश व प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभाएं और गुरूओं के सम्मान की परंपरा का सदा निर्वाह करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण एवं जल शक्ति श्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि आपने शिक्षा प्राप्त कर ली है और आज आपकी दीक्षा पूरी हुई है। सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज आप सभी को अपना संकल्प तय करना है। आप सभी को जीवन में कठिन व सुविधाजनक रास्ते मिलेंगे। आपको कठिन रास्ता चुनना होगा, जिससे आप तेजस्वी बनेंगे और सफल हो पाएंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आपका लक्ष्य जितना दूर है, आपको अपनी गति उतनी ही तेज करनी है। अवसरों से चूकना नहीं है, अवसरों के लिए सतर्क रहना है। इस मौके पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदाय कर सम्मानित किया। इस अवसर पर दीक्षित होने वाले वाले छात्र-छात्राएं एवं उनके परिजन, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण उपस्थित थे।