उदयपुर का हत्यारा भाजपा कार्यकर्ता होने के खुलासे पर भाजपा जवाब दें : कांग्रेस

Featured Latest खरा-खोटी छत्तीसगढ़

देश के सांप्रदायिकता फैलाने भाजपा किसी भी स्तर तक षड़यंत्र कर सकती है

नफरत फैलाने वाली नुपूर और निर्दोष की हत्या करने वाले रियाज दोनों भाजपाई

रायपुर। उदयपुर हत्याकांड का प्रमुख अभियुक्त रियाज अत्तारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का नेता था। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को इस खुलासे का जवाब देश की जनता को देना चाहिये। उदयपुर हत्याकांड के आरोपी रियाज अत्तारी के भाजपा कार्यकर्ता होने के खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उदयपुर हत्याकांड भाजपा की सोची समझी साजिश का नतीजा है। देश में सांप्रदायिकता और तनाव का ताजा जहर भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने टीवी चैनल में अनर्गल बयान देकर बोया था। भाजपा के ही दूसरे कार्यकर्ता ने उदयपुर में कन्हैया की बर्बर हत्या कर उसके वीडियों का सोशल मीडिया में फैलाकर दंगा और तनाव भड़काने का प्रयास किया है।

 

यह भी पढ़े :

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अमीन मेमन के ऐतिहासिक पदभार ग्रहण में उमड़ा जनसैलाब’

 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी पूरे घटनाक्रम के लिए भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा को जिम्मेदार बताया है। सुप्रीम कोर्ट का साफ तौर पर कहना है कि भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा ने सांप्रदायिकता फैलाई और देश को खतरे में डाला। न्यायालय ने भाजपा नेत्री के बयान को सत्ता का अहंकार बताते हुए पूरे देश से माफी मांगने की बात कही है। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे षडयंत्र के पीछे केवल और केवल भाजपा का ही हाथ है। जब नफरत फैलाने वाली नेत्री और निर्दोष की हत्या करने वाले आरोपी दोनों का ही संबंध भाजपा से है। भाजपा ही पूरे मसले को लेकर देशभर में राजनैतिक बयान दे रही है। उसके नेता कार्यकर्ता धार्मिक उन्माद फैला रहे, बंद करवा रहे। भाजपा के आचरण से साफ हो रहा कि यह सब भाजपा का सोचा समझा षड़यंत्र है।

 

यह भी पढ़े :

प्रदेश कांग्रेस कार्यकारणी की बैठक संपन्न, विधानसभा स्तरीय 75 कि.मी पदयात्रा पर की गई चर्चा

 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की भय, नफरत और घृणा की राजनीति ने देश को लगातार पीछे धकेलने का काम किया है। आज देश में सांप्रदायिकता बढ़ रही है। 2020 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 857 घटनाएं हुईं, जो 2019 की तुलना में 96 प्रतिशत ज़्यादा थी। वर्ष 2020 में ही दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों की 520 घटनाएं हुईं, इसी तरह देश भर के आंकड़ों में वृद्धि हुई है, पर प्रधानमंत्री चुप हैं। 13 मुख्य राजनीतिक दलों ने उन्हें शांति की अपील करने को कहा, पर वो मौन हैं, ऐसा लगता है कि वे आँखें बंद कर देश को बाँटने वाली शक्तियों को मज़बूत कर रहे हैं। उनकी चुप्पी अस्वीकार्य है, राष्ट्र विरोधी है। भाजपा चुनावी जीत के लिए सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है। यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक सोचा समझा प्रयोग है कि जहां चुनाव आने होते हैं तो वहाँ किसी न किसी कारण से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ जाता है, माहौल विषैला हो जाता है।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *