मुझे नहीं पता था कि समर्थन मूल्य क्या होता है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना क्या है

Featured Latest आसपास छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय

अब मैं धान भी बेचूंगा और योजनाओं का लाभ भी लूंगा
जंगल बचाने और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्रयास अतुल्य है

तीन दिन में मुख्यमंत्री के हाथों जिले में 1848 हितग्राहियों को मिला वनाधिकार पट्टा
कोरिया जिले में 17 हजार से ज्यादा वन अधिकार पट्टों का हो चुका है वितरण
रायपुर| खड़गंवा ब्लाक के चिरमी गांव के रहने वाले दुर्गेश को आज मुख्यमंत्री के हाथों  6.25 एकड़ रकबा का वन अधिकार प्रमाण पत्र मिला है. दुर्गेश को इस बात की खुशी है कि ये प्रमाण पत्र खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों मिला है. वन अधिकार पट्टा मिलने से दुर्गेश न सिर्फ अपना धान बेच पाएंगे बल्कि शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।

 

यह भी देखे :

अपने कका के स्वागत में पहुंची थी छोटे काकाओं की टोली, मुख्यमंत्री बघेल की तरह पहन रखा था कुर्ता पजामा और गमछा

 

खड़गंवा ब्लाक के ही जिलीबांध गांव के रहने वाले छोटेलाल को आज मुख्यमंत्री के हाथोम 5 एकड़ रकबे का वन अधिकार प्रमाण पत्र मिला है. छोटेलाल का कहना है कि वो न तो धान के समर्थन मूल्य के बारे में जानते थे नही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में, क्यूंकि वन अधिकार पट्टा नहीं होने से वो धान बेच ही नहीं पाते थे लेकिन अब वो समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे और बोनस भी ले सकेंगे| आज पोड़ी ग्राम के भेंट मुलाकात स्थल में 174 और पटना ग्राम में 161 वन अधिकार प्रमाण पत्र के वितरण के साथ ही मुख्यमंत्री ने तीन दिनों के भीतर कोरिया जिले में 1848 वन अधिकार प्रमाण पत्र हितग्राहियों को प्रदान किया है. इस तरह से कोरिया जिले में अभी तक व्यक्तिगत वन अधिकार दावे के तहत  15 हजार 81 हेक्टेयर रकबे के 17282 वन अधिकार पट्टे वितरित किए जा चुके हैं. इसी तरह से सामुदायिक वन अधिकार दावे के कुल 1 हजार 514 पट्टे जिनका रकबा 18 हजार 5 हेक्टेयर और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दावे के कुल 165 पट्टे जिनका रकबा 9 हेक्टेयर 138 हेक्टेयर है, वितरित किए गए हैं।

 

यह भी देखे :

मंत्री डॉ. डहरिया आरंग में 28 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की देंगे सौगात

 

मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना वनाधिकार पट्टा से वन क्षेत्रों में वन भूमि में काबिज लोगों के लिए राज्य सरकार के संवेदनशील निर्णयों के कारण भूमि पुत्रों को  जंगल-जमीन का मालिकाना हक मिल  रहा है और वन भूमि के स्वामित्व को लेकर उनकी भी  चिंता दूर हो गई है। हितग्राहियों का कहना है कि वन अधिकार पट्टा देकर जंगलों को बचाने और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देकर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का प्रयास अतुल्य है।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *