०० शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग ने जारी की अधिसूचना
रायपुर| छत्तीसगढ़ के 13 बड़े शहरों में लोगों को ले-आउट पास करने का अधिकार केवल नगर निगमों को सौंप दिया गया है। आज इसकी अधिसूचना शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग ने जारी कर दी। अब इन नगर निगमों की सीमा में रहने वाले लोगों को ले-आउट की अनुमति के लिए एक ही कार्यालय में संपर्क करना होगा। अब तक ले-आउट पास कराने के लिए नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग दोनों से अनुमोदन लेना पड़ता था।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले महीने नगर निगमों को ले-आउट के अधिकार देने की घोषणा की थी। अब आवास एवं पर्यावरण विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। नई अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के 9 जिलों के 13 नगर पालिक निगमों रायपुर, बीरगांव, दुर्ग, भिलाई, चरौदा, रिसाली, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर, बिलासपुर, कोरबा और धमतरी में यह सुविधा मिलेगी। चिरमिरी नगर निगम इसमें शामिल नहीं है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ले-आउट के अनुमोदन का कार्य तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ मास्टर प्लान के क्रियान्वयन का महत्वपूर्ण अंग होगा।
ऐसे में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने जो अधिकार नगर निगमों को दिया है उसका क्रियान्वयन भी उसी स्तर और शैक्षणिक योग्यता वाले अधिकारी से कराया जा सकता है जो पहले वह काम कर रहे थे। इसका मतलब है कि संबंधित नगर निगमों को ले-आउट अनुमोदन के लिए अनिवार्य रूप से टाउन प्लानर की नियुक्ति करनी होगी। अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है, ले-आउट की अनुमति जारी करने में छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, छत्तीसगढ़ भूमि विकास अधिनियम, छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश नियम और विकास योजना के मापदण्डों का उल्लंघन हुआ या अतिक्रमण हुआ तो उसके लिए संबंधित नगर निगम जिम्मेदार होंगे।
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इस बदलाव के बाद भी ले-आउट पास कराने में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की भूमिका खत्म नहीं हाेगी। विकास अनुज्ञा के अनुमोदन के एक महीने के भीतर सभी ले-आउट संबंधित जिले के नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियों से कार्योत्तर स्वीकृति लेनी होगी। स्वीकृत की जाने वाली विकास अनुज्ञा को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के वेबसाईट पर अपलोड करना होगा। उसके साथ-साथ स्वीकृत अनुज्ञा की प्रति नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यालय में भी जमा कराना होगा।