मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरवाही में आदिवासी नेता डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की आदमकद प्रतिमा का किया अनावरण

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मुख्यमंत्री बघेल ने स्व. डॉ. भँवर सिंह पोर्ते के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया

आदिवासियों के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं डॉ. पोर्ते

रायपुर| प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाक़ात अभियान पर निकले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जहां भी जा रहे हैं, वहाँ क्षेत्र के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले विशिष्ट शख़्सियतों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं। इसी क्रम में आज भेंट-मुलाक़ात के लिए मरवाही पहुँचे मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्थानीय आदिवासी नेता स्व. डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्व. डॉ. पोर्ते के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, स्वर्गीय डॉ. भँवर सिंह पोर्ते ने आदिवासी उत्थान एवं आदिवासी कल्याण समेत क्षेत्र के लिए उल्लेखनीय जनकल्याणकारी कार्य किए। उनके व्यक्तित्व का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्व. डॉ. भँवर सिंह पोर्ते को आदिवासियों के मसीहा के तौर पर जाना जाता है। डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की प्रतिमा अनावरण के बाद मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज स्व. डॉ. पोर्ते की प्रतिमा का अनावरण करना मेरे लिये सौभाग्य की बात है। हमें डॉ. पोर्ते का जीवन हमें प्रेरणा देता है।

 

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स्व. डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की प्रतिमा अनावरण के लिए पहुँचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के स्वागत में ग्राम नेवसा से आए आदिवासी कला जत्था ने डंडा नृत्य पेश किया। वहीं स्वागत आत्मानंद स्कूल के विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को स्काउट किया। वहीं आज मरवाही में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा स्व. डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की प्रतिमा अनावरण पर स्थानीय जनों ने ख़ुशी ज़ाहिर की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जनभावनाओं का ध्यान रखा और स्थानीय आदिवासी नेता का सम्मान देकर पूरे आदिवासी समाज को सम्मान दिया है। ग़ौरतलब है कि आदिवासियों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ.भँवर सिंह पोर्ते मरवाही के ग्राम बदरौड़ी में 1 सितम्बर 1943 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। अविभाजित मध्यप्रदेश में आदिवासी विकास परिषद के संस्थापक अध्यक्ष रहे। कम उम्र में जितनी ख्याति एवं उपलब्धियाँ डॉ. पोर्ते ने अर्जित की, उतनी कम ही लोगों को मिलती है।

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