राहुल गांधी के बयानों कि गलत प्रस्तुति भाजपा का फासीवाद
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार राहुल गांधी की सौम्य, स्वच्छ और ईमानदार छवि को सबसे बड़ा खतरा मानती है और इसीलिए उनकी छवि को खराब करने के लिए भरसक कोशिश करती रहती है। राहुल गांधी ने वायनाड में उनके कार्यालय पर एसएफआई द्वारा की गई हिंसा के संबंध में बयान दिया था। इस बयान को एक टीवी चैनल सहित भाजपा के कई नेताओं ने उदयपुर के मज़हबी उन्मादियों से जोड़कर बड़े ही शातिर ढंग से प्रचारित किया। इन दुष्प्रचारकों में भाजपा नेता राज्यवर्धन राठौर, सांसद सुब्रत पाठक कमलेश सैनी सहित कई विधायक और कार्यकर्ता शामिल थे।
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कांग्रेस पार्टी के द्वारा चेताये जाने के बावजूद इस गलत खबर को भाजपा के द्वारा प्रचारित प्रसारित किया गया। भाजपा के नेताओं द्वारा जानबूझकर और उत्साह पूर्ण ढंग से ऐसी विकृति सूचना को प्रचारित करना यह दर्शाता है कि राहुल गांधी की छवि को बिगाड़ने और कांग्रेस पार्टी के प्रति नफरत पैदा करने के उद्देश्य से यह षडयंत्र रचा गया था। भाजपा नेत्री द्वारा धर्म विशेष के विरुद्ध जो शर्मनाक बयान दिया गया उसके बाद उदयपुर में भाजपा से ही जुड़े धार्मिक उन्मादियों द्वारा एक मासूम की हत्या कर दी गई थी। भाजपा द्वारा संभावित तौर पर रचित इस घटना के कारण देश की स्थिति सांप्रदायिक बनी हुई है। राहुल गांधी को उन हत्यारों के पक्ष में दिखा कर भाजपा अपना कुकर्म ढँकना और घटना के कारण नाराज हुई जनता के गुस्से को राहुल गांधी की ओर मोड़ना चाहती है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की ओर से आपत्ति दर्ज करवाने के बाद चैनल ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली, लेकिन भाजपा के नेता अभी भी राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए उस वीडियो का बेशर्मी से इस्तेमाल कर रहे हैं। कई भूतपूर्व मंत्रियों और नेताओं ने इस वीडियो को अभी भी अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया हुआ है। भाजपा नेताओं को इस प्रकार के दुष्प्रचार करना तत्काल बंद करना चाहिए और साथ ही पूरी भाजपा पार्टी को सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।