खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य

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पुराने बारदानें से भी की जाएगी धान की खरीदी, किसानों से सुगमता पूर्वक धान खरीदी के लिए मंत्री-मण्डलीय उप समिति ने किया विचार-विमर्श

पिछले वर्ष पंजीकृत किसानों का पंजीयन होगा कैरीफारवर्ड, नये किसानों के पंजीयन के लिए भी सुचारू व्यवस्था बनाने के निर्देश

रायपुर| आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित समिति कक्ष में धान खरीदी के लिए गठित मंत्री-मण्डलीय उप समिति की बैठक खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुराने बारदानों से धान खरीदी की जाएगी। साथ ही किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए उपार्जन केन्द्रों की स्थिति तथा पहले से ही बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श की गई। बैठक में मंत्रियों ने पिछले वर्ष की गई सुगमतापूर्वक धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग व्यवस्था के लिए अधिकारियों को बधाई दिए। बैठक में मंत्री मंडलीय उप समिति के सदस्यगण कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन एवं परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर और उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल शामिल हुए।

 

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मंत्री-मण्डलीय उप समिति की बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार द्वारा 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था, जिसके विरूद्ध रिकार्ड 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी। लगभग शत-प्रतिशत धान का उठाव हो गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर धान खरीदी के साथ-साथ तेजी से कस्टम मिलिंग का कार्य भी जारी रहा। इसका सफलतापूर्वक परिणाम आया। केन्द्रीय पूल में अब तक रिकार्ड 50.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है। केवल 14 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना ही शेष है। बैठक में किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए बारदानों के व्यवस्था के लिए विस्तार से भी चर्चा की गई। पिछले वर्ष धान खरीदी लक्ष्य 105 लाख मीट्रिक टन के अनुरूप 5.25 लाख गठान बारदानें की जरूरत थी, आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए 5.50 लाख गठान जूट बारदानें की जरूरत पड़ेगी। मंत्रियों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय से पत्रव्यवहार कर धान खरीदी के पहले ही बारदानें की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए।

 

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बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 24 लाख 6 हजार से अधिक किसानों ने धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया था, इस वर्ष नये किसानों का पंजीयन पिछले वर्ष की तरह ही एक जुलाई से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीकृत किसानों का पंजीयन ऑटोमैटिक कैरीफारवर्ड हो जाएगा। बैठक में उपार्जन केंद्रों की स्थिति, बारदाने की उपलब्धता, धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग एवं धान परिवहन, संग्रहण, भंडारण तथा रख-रखाव के संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, संचालक नागरिक आपूर्ति निगम श्री निरंजन दास, संचालक मार्कफेड श्रीमती किरण कौशल, राजस्व सचिव श्री नीलम एक्का सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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