रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार बैंकों के निजीकरण की तैयारी में लगी है। मोदी सराकार बैकों को बेचने के लिये संसद के वर्तमान सत्र में विधेयक भी लाने जा रही है। कांग्रेस बैंको को बेचे जाने संबधी विधेयक संसद में का विरोध करेगी। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सराकारों ने आजादी के बाद भारत को आत्मनिर्भर बनाने और देश के आम आदमी के सशक्तिकरण के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लगाये बैंको का सरकारीकरण किया। मोदी सरकार ने अपने चंद पूंजीपतीमित्रों को फायदा पहुंचाने के लिये देश की मुनाफा देने वाली कंपनियां जे आम आदमी की धरोहर थी उनकों कौड़ियों के दाम बेचा। मोदी सरकार ने निजीकरण करने के लिये भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को स्ट्रक्चर को बिगाड़ने का काम किया ताकि वह घाटे में चली जाय और उनकों सस्ते दाम पर बेचा जा सके।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 53 साल पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण स्व. इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहने के समय हुआ था यह क्रांतिकारी बदलाव था। बैंको के सरकारीकरण करने से आम आदमी को बचत की सुरक्षा की गारंटी मिली तथा छोटे और मध्यम वर्ग के लोगो के व्यवसाय और रोजगार के लिये आसान करण मिलने लगा आम आदमी को आत्मनिर्भर बनाने में सरकारी बैंको का बड़ा योगदान है। मोदी सरकार भारत बेचे जाओ परियोजनाओं के तहत सरकारी बैंको का भी निजीकरण करना चाहती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको को चुनिंदा लोगो को बेचना विनाशकारी होगा।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी ने अपने कार्यकाल के 8 सालों में 22 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेच दिया आजादी के बाद लगभग सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में सार्वजनिक क्षेत्र की ईकाईयां लगाई गयी मोदी के 8 साल के कार्यकाल में भारत सरकार ने एक भी सार्वजनिक ईकाई नही लगाया। कोई दीर्घकालिक राष्ट्रीय परियोजना नही बनाई गयी मोदी के कार्यकाल में नये सार्वजनिक उपक्रम लगाना तो दूर उनको बेचा गया। अनेको पावर प्लांट एअर इंडिया, तेल, कॉपर कारखाने मोदी सरकार ने बेच डाला, रेल्वे एलआईसी जैसी लोकप्रिय इकाईयों के भी निजीकरण के मार्ग खोजे जा रहे है।