मंत्री टीएस सिंहदेव ने मनरेगा कर्मचारियों से क्षमा मांगते हुए उनके मांगों के न्यायसंगत समाधान की कामना की

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०० मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत मंत्री के पद से इस्तीफा देने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र

०० इस्तीफा के पत्र में मनरेगा कर्मचारियों के नाम भी भी था जिक्र जिससे मनरेगाकर्मी थे आक्रोशित  

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष और पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि यदि मेरी पहल से उनकी भावनाओं को दुख पहुंचा है तो उसका दुख है, जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं| उन्होंने लिखा कि दंतेवाड़ा से रायपुर तक की पदयात्रा रोजगार सहायक संघ की ओर से निकाली गयी थी, जिसमें उन्होंने अपने नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि की जायज मांगों के लिए पहल किया था और मैं आज भी यही विचार रखता हूं कि इन मांगों पर विचार कर सहमति मिल सके, आपके उचित मांगों का न्यायसंगत समाधान हो सके, मेरी यही कामना रही है, और रहेगी|

 

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स्वास्थ्य मंत्री मंत्री टीएस सिंहदेव ने पत्र में लिखा कि बिना उनके अनुमोदन के हड़ताल पर गए एपीओ को बहाल किए जाने पर पत्र लिखकर पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब सिंहदेव का दूसरा पत्र सामने आया है, जिसमें मनरेगा कर्मचारियों से क्षमा मांगते हुए कहा कि उनके मांगों के न्यायसंगत समाधान की कामना की है| स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष और पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि बतौर पंचायत मंत्री उनका पत्र सोशल मीडिया एवं वेब मीडिया के माध्यम से देखा. यदि मेरी पहल से उनकी भावनाओं को दुख पहुंचा है तो उसका दुख है, जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं. उन्होंने लिखा कि दंतेवाड़ा से रायपुर तक की पदयात्रा रोजगार सहायक संघ की ओर से निकाली गयी थी, जिसमें उन्होंने अपने नियमितीकरण एवं वेतन वृद्धि की जायज मांगों के लिए पहल किया था और मैं आज भी यही विचार रखता हूं कि इन मांगों पर विचार कर सहमति मिल सके|

 

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उन्होंने पत्र में बताया कि हड़ताल एक समय से अधिक लंबी चलने पर मेरा यही विचार है कि जब विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभाग के मंत्री के रूप में मैं स्वयं और मुख्यमंत्री ने भी समिति बनाकर सकारात्मक हल के लिए पहल की थी, तब उनके पहल का सम्मान करते हुए यदि हड़ताल समाप्त कर दी जाती तो खेती के समय के पहले मजदूरी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के जरूरतमंद ग्रामीणजनों को रोजगार के अवसर से वंचित नहीं होना पड़ता. आपके उचित मांगों का न्यायसंगत समाधान हो सके, मेरी यही कामना रही है, और रहेगी|

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