विधानसभा : सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पत्र, सदन में विपक्ष ने कहा  “जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार”

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन आज नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पत्र पेश किया। विपक्ष की ओर से भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कई बार टोकाटोकी की। इस बीच बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर कई आरोप लगाए। बृजमोहन अग्रवाल ने संसदीय सचिव के चक्का जाम किए जाने पर सरकार पर आरोप लगाए।

 

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बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यहां मुख्यमंत्री को मंत्री पर विश्वास नहीं है।मंत्रियों को मुख्यमंत्री पर विश्वास नहीं है।शासन को प्रशासन पर विश्वास नहीं है। शासन पर जनता का विश्वास नहीं है, इसलिए हमने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। अविश्वास प्रस्ताव में भाजपा ने प्रदेश में कानून व्यवस्था, किसानों के मुद्दे और सरकार के वादों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। विदित है कि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में, कांग्रेस के 71, भाजपा के 14 विधायक हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ (जे) के तीन और बसपा के दो सदस्य हैं। अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने संख्या के आधार पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया। भाजपा के लिए निर्धारित 56 मिनट में विधायक बृजमोहन अग्रवाल एक घंटे तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते रहे। इस दौरान काफी समय सत्ता पक्ष की रोकटोक में बीता।

 

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बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ सरकार चुनी थी।छत्तीसगढ़ के इतिहास में इतना बड़ा बहुमत कभी नहीं मिला।आजकल तो अप्रवासी मुख्यमंत्री हो गए हैं। कभी यूपी, कभी असम, कभी उत्तराखंड, हिमाचल और गुजरात। छत्तीसगढ़ की जनता ने यहां के लिए चुना है। बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीबों के 8 लाख मकान नहीं बने। थोड़ी लज्जा आना चाहिए। लोगों के सिर की छत छीन ली। यह आपके मंत्री ही कह चुके हैं कि 10 हजार करोड़ जो छत्तीसगढ़ को मिलते, नहीं मिल पाए। प्रधानमंत्री मोदी गरीबों को छत देना चाहते हैं और यह लोगों के सिर की छत छीनने वाली सरकार है। इस पर विश्वास कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पौने दो लाख करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस सरकार में मंत्रियों के ऊपर मुख्य सचिव की कमेटी है। यह कौन सा नियम है। यह कैसी सरकार है।

 

 

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उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव का हश्र हमें मालूम है लेकिन यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार को जनता के बीच बेपर्दा कर देगा। यह झूठ फरेब, अन्याय ,अत्याचार की सरकार है। एक मंत्री कहते हैं कि कलेक्टर भ्रष्ट है। उसे एक कमाई वाले जिले से दूसरे कमाई वाले जिले में भेज दिया। यही आपकी सरकार है। उन्होंने कहा कि हम मुद्दे न उठाएं तो राज्य अन्याय का केंद्र बन जाएगा। एक विधायक कहते हैं कि थाने में रेट लिस्ट टांग देनी चाहिए। उसके बाद भी सरकार कहती है कि हम अच्छे से चल रहे हैं। इस सरकार में न विधायक न उनका पति सुरक्षित हैं। विधायिका का अपमान हो रहा है। कलेक्टर 3 दिन में 30 करोड़ के ऑर्डर दे देता है। जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ अच्छा कार्य करने के लिए बहुमत दिया है। सरकार ने जनता की उम्मीदों का गला घोट दिया। पूरे प्रदेश की जनता त्रस्त है। सत्ता पक्ष की ओर से मोहन मरकाम ने चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के आरोपों का जोरदार तरीके से जवाब देते हुए सरकार के अब तक के कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सराहना की। श्री मरकाम ने एक घंटे तक विपक्ष के आरोपों पर धाराप्रवाह जवाब दिया।

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