प्रकृति का पर्व हरेली पारंपरिकता और वैज्ञानिकता का संगम है : डॉ. चंदेल

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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में मनाया गया हरेली तिहार

रायपुर| इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त महाविद्यालयों, कृषि प्रक्षेत्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों में आज छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति का प्रमुख पर्व हरेली तिहार मनाया गया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में आयोजित हरेली तिहार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने गौ पूजन, नांगर पूजन तथा कृषि यंत्रों की पूजा अर्चना कर हरेली तिहार कार्यक्रम की शुरूआत की। मुख्य अतिथि की आसंदी से डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि प्रकृति के पर्व हरेली का छत्तीसगढ़ के ग्रामीण सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में बहुत महत्व है। यह किसानों का प्रमुख त्योहार है। हरेली तिहार में प्रकृति की पूजा की जाती है। हरेली के समय पूरी धरती हरियाली से आच्छादित हो जाती है और किसान रोपाई-बियासी जैसे कृषि कार्यों से निवृत्त हो जाते हैं। इस दिन किसान अपने गौवंश और कृषि यंत्रों की पूजा करते हैं। डॉ. चंदेल ने चालू खरीफ मौसम में अच्छी फसल होने की आशा व्यक्त करते हुए किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों को हरेली पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. चंदेल ने कहा कि हरेली तिहार पारंपरिकता और वैज्ञानिकता का अनूठा संगम है। इस दिन प्रकृति की पूजा करते हुए खेती किसानी से संबंधित परम्पराएं सम्पन्न की जाती है, वहीं विभिन्न खेलों एवं क्रीड़ा प्रतियोगिताओं – गेड़ी दौड़, फुगड़ी, रस्सा कशी, कुर्सी दौड़ आदि का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही ठेठरी, खुरमी, बरा, गुलगुला आदि पारम्परिक व्यंजन भी बनाये जाते हैं। इन सब रीति रिवाजों के पीछे वैज्ञानिक कारण शामिल हैं। इनका मानव स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार पशुओं को आटे की लोई में शतावर और लोध्र मिलाकर खिलाया जाता है जो उनका विभिन्न बीमारियों से बचाव करता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए विभिन्न क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें गेड़ी दौड़, फुगड़ी, नारियल फेक, कुर्सी दौड़, रस्सा कशी आदि प्रतियोगिताएं शामिल थीं। विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।

 

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कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव जी.के. निर्माम, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. पी.के. चन्द्राकर, निदेशक शिक्षण डॉ. एस.एस. सेंगर, अधिष्ठाता छात्र कल्यांण डॉ. जी.के. श्रीवास्तव, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. के.एल. नंदेहा, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय डॉ. वी.के. पाण्डेय, अधिष्ठाता खाद्य प्रौद्यागिकी महाविद्यालय डॉ. ए.के. दवे सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित विभिन्न महाविद्यालयों, कृषि प्रक्षेत्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों में भी गौ-नांगर पूजन किया गया। कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी.के. पाण्डेय ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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