छत्तीसगढ़ में 2.11 करोड़ मतदाता : घर-घर जाकर बीएलओ  करेंगे वोटर लिस्ट से मिलान, राज्य निर्वाचन आयोग ने दी जानकारी

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रायपुर : बिहार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी विशेष इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) सर्वे होगा. इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहीं एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर जानकारी दी.

भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. इस संबंध में छतीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय शास्त्री चौक पुराना मंत्रालय परिसर रायपुर के सभाकक्ष में प्रेस कांफ्रेंस की. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि एसआईआर को लेकर पुरानी और वर्तमान लिस्ट का मिलान किया जा चुका है. प्रदेश के सभी जिलों में एसआईआर एक साथ लागू किया जाएगा. सर्वे को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. एसआईआर में नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे और लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। बीएलओ घर-घर जाकर 2003 की लिस्ट से मिलान करेंगे और कमियों को दूर करेंगे.

घर-घर जाकर बीएलओ, 4 दिसंबर तक चलेगी प्रक्रिया

वहीं प्रदेश में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं. प्रदेश में पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने 1 जनवरी 2025 की तिथि में मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 11 लाख 5,391 बताई थी. इसमें 1 करोड़ 4 लाख 27,834 पुरुष, 1 करोड़ 6 लाख 76,821 महिला और 736 तृतीय जेंडर मतदाता शामिल हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने दी जानकारी की मुद्रण/ प्रशिक्षण 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक रहेगा. गणना चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलाई जाएगी. मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025 को होगा. दावे और आपत्ति की अवधि 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक सुइकर की जाएगी. नोटिस चरण सुनवाई और सत्यापन 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक का समय दिया जायेगा. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जायेगा. SIR के लिए 13 दस्तावेज मान्य होंगे.

कौन से दस्तावेज होंगे जमा?

आयोग ने 13 वैध दस्तावेज तय किए हैं, जिनमें सरकारी पहचान पत्र, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, पेंशन आदेश, परिवार रजिस्टर, मैट्रिक प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, एनआरसी (जहां लागू), आधार से जुड़े निर्देश (09.09.2025 का पत्र), भूमि या मकान आवंटन रिकॉर्ड आदि शामिल हैं। मतलब कि बिना वैध सरकारी दस्तावेज़ के नाम दर्ज नहीं होगा, और गलत दस्तावेज देने पर कानूनी कार्रवाई तय है.

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