सूर्यकांत तिवारी कोर्ट परिसर में किया आत्मसमर्पण, ईडी को 12 दिन की मिली रिमांड

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रायपुर| रायपुर की विशेष अदालत में शनिवार की दोपहर कारोबारी सूर्यकांत तिवारी पहुंच गया। करीब साढ़े 3 बजे वो अदालत में सरेंडर करने की नीयत से वकीलों के साथ पहुंचा। वह स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश हुआ। यहां तिवारी के वकीलों ने कहा कि सरेंडर करना है। अदालत ने पूछा किस मामले में अपराधी हो, वकीलों ने बताया कि तिवारी को ईडी ढूंढ रही है। इसके बाद ईडी के वकील को बुलवाया गया तब तक तिवारी अदालत में ही खड़ा रहा।

ईडी के वकील ने आकर कहा इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इसमें सरेंडर का कोई प्रावधान ही नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने केस डायरी मंगवाई और ईडी के वकील ने गिरफ्तारी पत्रक मंगवाया। कोर्ट के सरेंडर से इनकार के बाद ईडी ने उसे कोर्ट परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट से उसकी 14 दिन की रिमांड मांगी गई, लेकिन जज ने 12 दिन की रिमांड स्वीकृत की। अब 10 नवंबर को इसी मामले में पहले से गिरफ्तार आईएएस समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल के साथ उसकी अगली सुनवाई होगी। उधर, कोर्ट से निकलने के बाद सूर्यकांत तिवारी ने कहा मेरी जान को खतरा है। अब किससे खतरा है। ये समय आने पर बताऊंगा। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। वहीं तिवारी जब निकल रहे थे तो चारों तरफ से उन्हें वकीलों ने घेर रखा था। मीडिया का भी भारी जमावड़ा था। अचानक से कोर्ट पहुंचकर उसके सरेंडर करने पर सभी हैरान रह गए।

सूर्यकांत ने कोर्ट में जो अर्जी दी है, उसके मुताबिक उसने कोर्ट से कहा है कि मैंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जांच में सहयोग किया था। ईडी के जांच में भी सहयोग करना चाहता हूं। तिवारी ने कहा है कि मेरे खिलाफ जो मामला ईडी ने दर्ज किया है, वो राजनीति से प्रेरित है। क्योंकि अपनी राजनीतिक लाभ के लिए पूर्व सीएम रमन सिंह बयानबाजी करते रहे हैं। यही वजह है कि ईडी ने मेरे खिलाफ केस दर्ज किया है। जो एक षड़यंत्र है। तिवारी ने आशंका जताई है कि पूछताछ के दौरान ईडी उससे थर्ड डिग्री बर्ताव करेगी। इसलिए उसे जान का खतरा है। तिवारी ने अपनी वकील के सामने ही पूछताछ की मांग की है। इसके अलावा उसने खुद को सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में रखने और जब उससे पूछताछ हो तब उसकी पूरी रिकॉर्डिंग करने की मांग की है।

11 अक्टूबर को प्रदेश के कई शहरों में ईडी के छापों में तिवारी के नाम पर करोड़ों के अवैध-लेन-देन के सबूत मिले थे। इसमें कोयले के खनन, ट्रांसपोर्टिंग सहित और भी मामलों में उगाही के कागज मिले थे। इसमें सभी में तिवारी और उससे जुड़े लोगों का दखल पाया गया था। ईडी सूर्यकांत तिवारी को भी पकड़ना चाह रही थी, मगर वह इनकी पहुंच से बाहर था। उसके बारे में अफवाह भी चल रही थी कि वह देश से बाहर निकल गया है। कोई उसके मुंबई तो कोई गुजरात में होने का दावा कर रहा था। उस तक ईडी या और कोई पुलिस टीम पहुंच पाती इससे पहले ही वह अदालत में पेश हो गया।

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