रायपुर| मनी लान्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और आईएएस समीर विश्नोई को थोड़ी राहत मिल गई है। ईडी की विशेष अदालत ने चारो आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर एक दिन के लिए जेल भेज दिया है। इस मामले में शुक्रवार को फिर से सुनवाई होगी
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया, ईडी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में दर्ज जिस केस के आधार पर शिकायत दर्ज की थी, उसपर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया है। आज की सुनवाई में बचाव पक्ष ने कहा, अगर मूल एफआईआर पर किसी कार्रवाई से स्टे मिल गया है तो उससे संबंधित सभी कार्रवाईयां रुक जानी चाहिए। इस मान से ईडी की यह पूछताछ भी गैरकानूनी होगी। इसलिए सभी आरोपियों को तत्काल रिहा किया जाए। ईडी के वकीलों ने सूर्यकांत तिवारी के लिए दो दिनों की रिमांड बढ़ाने का आग्रह किया था। वहीं पहले से न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे जा चुके तीनों आरोपियों की न्यायिक रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग थी। कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय और उसपर मद्रास हाईकोर्ट के न्यायनिर्णय का हवाला मिलने के बाद ईडी ने जवाब देने के लिए समय मांगा। अदालत ने ईडी को जवाब देने के लिए शुक्रवार तक का वक्त दिया है। तब तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश जारी हुआ। शुक्रवार को फिर से सभी को न्यायालय लाया जाएगा। ईडी अपना जवाब पेश करेगी। अगर ईडी अपने जवाब से अदालत को संतुष्ट कर ले गई तो उसे रिमांड मिल सकती है। नहीं तो अदालत चारो को रिहा करने का आदेश जारी कर सकती है।
हाउस अरेस्ट का भी विकल्प दिया था :- बचाव पक्ष के एक और वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ बेंगलुरू में जो केस दर्ज है वह मोबाइल तोड़ने और कागज खा लेने जैसे आरोपों पर है। हमने अदालत से कहा है, इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग केस बनता ही नहीं है। इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से स्टे है। जब मुख्य अपराध की जांच ही स्टे है तो ईडी कार्रवाई कैसे कर सकती है। उन्होंने कहा, इस मामले में आरोपियों को जेल न भेजा जाए। अगर जेल ही भेजना है तो हाउस अरेस्ट में रख सकते हैं।
ईडी ने 11 अक्टूबर से शुरू की है कार्यवाही :- ईडी ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई शहरों में अफसरों-कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान कोयला ढुलाई के कारोबार में अवैध लेन-देन की बात सामने आई। ईडी ने दो दिन की पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को चिप्स के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आईएएस समीर विश्नोई, कोल वॉशरी के संचालक सुनील अग्रवाल और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। उनको न्यायालय में पेश कर पहले 8 दिन और फिर छह दिन की रिमांड ली।