भाजपा हर चुनाव को चुनौती मानकर चलती है, चाहे छोटा चुनाव हो या बड़ा : प्रदेश प्रभारी माथुर
रायपुर| भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी ओम माथुर का रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर सांसद और विधायक ने स्वागत किया। बृजमोहन अग्रवाल उनकी अगुवाई करते हुए अपने साथ भाजपा के प्रदेश कार्यालय लेकर गए। यहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिमाओं पर माथुर ने फूल चढ़ाए। एयरपोर्ट पर बिल्कुल वैसे ही स्वागत हुआ जैसा भाजपा अपने बड़े नेताओं का करती रही है। फूलों और गुलदस्तों का अंबार लग गया। भीड़ इतनी थी कि कार के फुटरेस्ट पर चढ़कर माथुर ने हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं का स्वागत किया।
एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में ओम माथुर ने सबसे पहले कहा- मैं छत्तीसगढ़ की जनता और धरती को प्रणाम करता हूं, देश की आजादी और संघर्षों में छतीसगढ़ का योगदान रहा है । मैं यहां के महापुरुषों को प्रणाम करता हूं। 15 साल सत्ता में रही भाजपा अब विपक्ष में है इस सवाल के जवाब में ओम माथुर ने कहा- सत्ता आती जाती रहती है, समय समय पर ये देखा जाता है। पर ये मानिए कि 15 साल सरकार थी। आने वाले समय में परमानेंट सत्ता आएगी भाजपा की।
प्रदेश की चुनावी चुनौतियों को लेकर उन्होंने कहा- भाजपा हर चुनाव को चुनौती मानकर चलती है, चाहे छोटा चुनाव हो या बड़ा। मेरे सामने ऐसे बहुत सी चुनौतियां आई हैं, 2016 यूपी देखा है मैंने। मैं छत्तीसगढ़ को कोई चुनौती नहीं मानता। आने वाला समय छत्तीसगढ़ में भाजपा का होगा। भाजपा प्रभारी ओम माथुर के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि ओम माथुर ने सच स्वीकारा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूती के सामने वास्तव में भाजपा को कोई चुनौती नहीं है। ओम माथुर को प्रभारी बनने के साथ इस बात की जानकारी हो चुकी थी इसलिए प्रभारी बनने के बाद वो छत्तीसगढ़ आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। वे बड़ी हिम्मत करके तीन महीने बाद छत्तीसगढ़ आये हैं। छत्तीसगढ़ भाजपा कांग्रेस से इतनी डरी हुई है कि 2018 की हार के बाद उसने अभी तक 4 प्रदेश अध्यक्ष, एक नेता प्रतिपक्ष और तीन प्रभारी बदला है।
चलेगा बैठक और मुलाकातों का दौर :- ओम माथुर पहले दिन सोमवार को करीब डेढ़ बजे दोपहर के वक्त एयरपोर्ट पर उनका स्वागत हुआ। प्रदेश कार्यालय में उनके कार्यक्रम तय हैं। 22 नवंबर दूसरे दिन ओम माथुर कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चा, जिला प्रभारी, सह प्रभारी, जिला अध्यक्ष, संभागीय प्रभारी और प्रदेश महामंत्रियों की बैठक लेंगे। इसके बाद सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगे। तीसरे दिन 23 नवंबर को मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के संयोजकों और सह संयोजकों से मुलाकात करेंगे। आखिरी दिन 24 नवंबर को माथुर अपने कुछ व्यक्तिगत परिचित लोगों से मिलेंगे, एक विवाह कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।