आदिवासी समाज से भूपेश बघेल को इतनी नफरत है कि चुनाव न लड़ने का हुक्म सुना रहे हैं : केदार कश्यप

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रायपुर। प्रदेश भाजपा महामंत्री व  छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सर्व आदिवासी समाज को सामाजिक कार्य करने की सलाह देने पर कड़ा ऐतराज करते हुए कहा है कि भूपेश बघेल यह ज्ञान देने वाले कौन होते हैं कि आदिवासी समाज को चुनाव लड़ना है तो राजनीतिक पार्टी बनाये। वे यह फैसला कैसे सुना सकते हैं कि आदिवासी समाज क्या करे और क्या न करे।

प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज को बंधुआ समझ रखा है। वे आदिवासी समाज का आरक्षण, शिक्षा और नौकरी तो निगलवा ही चुके हैं और अब आदिवासी समाज का लोकतांत्रिक अधिकार भी छीन लेना चाहते हैं। भूपेश बघेल आदिवासी समाज की ताकत से भयभीत होकर समाज को  चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं। आदिवासी किसी के गुलाम नहीं हैं। इस स्वाभिमानी समाज को भूपेश बघेल अपमानित करने की धृष्टता कर रहे हैं। इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी। जिस समाज ने उन्हें सत्ता सौंपी है, वह समाज उन्हें सत्ता से उखाड़ कर फेंक देने में सक्षम है।

प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भूपेश बघेल ही नहीं, उनकी पूरी मंडली आदिवासी समाज का अपमान कर रही है। भूपेश बघेल के मंत्री शिव डहरिया आदिवासी समाज को पंक्चर बनाने की सलाह देते हैं। आदिवासी समाज की कृपा से अस्तित्व में आई कांग्रेस सरकार आदिवासी अस्तित्व को ललकार रही है। आदिवासी अस्मिता से खिलवाड़ कर रही है। आदिवासी समाज से बैर निकाल रही है। आखिर भूपेश बघेल को आदिवासी समाज से इतनी नफरत क्यों है?

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