केंद्र ने जानबूझकर सुरक्षा में लापरवाही बरती, ये दुर्भाग्यजनक है : भूपेश बघेल

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राज्यपाल की ओर आरक्षण विधेयक रोकने पर भूपेश बघेल ने एक बार फिर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की

रायपुर| राहुल गांधी की सुरक्षा में जानबूझकर चूक का आरोप कांग्रेस लगा रही है। इस मामले में गुरुवार को मीडिया से चर्चा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने बयान दिया। रायपुर से नवागढ़ रवाना होने के पहले हैलीपैड पर उन्होंने मीडिया से बात की। इसके साथ राज्यपाल की ओर आरक्षण विधेयक रोकने पर एक बार फिर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- राहुल गांधी की सुरक्षा में ढिलाई बरती गई है। जब भारत जोड़ो यात्रा ने दिल्ली प्रवेश किया तो उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई। दिल्ली की पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के सही इंतजाम नहीं किए। वहां अफरा-तफरी की परिस्थिति बनी, ये दुर्भाग्यजनक है और चिंता का विषय भी है। राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच टकराव जग जाहिर हो चुका है। आरक्षण विधेयक के मसले पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- राज्यपाल की हठधर्मिता ठीक नहीं है। विधेयक के रुके होने की वजह से सभी वर्गों के अधिकारों का हनन हो रहा है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग ये सभी अपने हक से वंचित हो रहे हैं, संविधान राज्यपाल को ये अधिकार नहीं देता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में नियम है कि कैबिनेट के स्तर पर राज्य के कार्यों के बारे में प्रशासन सबंधी जानकारी मांगी जाती है देने का नियम है। मंत्रीमंडल तक के लेवल पर ये नियम लागू होता है। लेकिन विधानसभा में प्रस्तुस हुआ बिल, पारित हुआ और सीधा राज्यपाल को भेजा गया । संविधान के अनुछेद 200 के तहत नियम है कि विधायिका में प्रस्तुत किया जाएगा इसके बाद बिल को राज्यपाल को देना है वो अस्वीकृत कर सकता है। अपने पास रख सकता है, राष्ट्रपति को लौटा सकता है। मैं तो ये मैं लगातार कह रहा हूं।

भाजपा के नेताओं के आरक्षण पर लगाए आराेपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- भाजपा क्यांे नहीं मांग नहीं कर रही है कि राज्यपाल हस्ताक्षर करें। प्रदेश में अलग-अलग वर्ग आंदोलन पर आमादा हैं,प्रदेश की शांति व्यवस्था आंदोलन की ओर झोंकने का प्रयास किया जा रहा है। क्या भाजपा नहीं चाहती कि पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिले, अनुसूचित वर्ग को आरक्षण मिले। ये पीछे के रास्ते राजभवन पर दबाव डालकर विधेयक को रोक रहे हैं, जबकि सदन में तो सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था।

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