राज्यपाल यहां राजनीति करती हैं, जिलों में निर्देश देना उनका काम नहीं : भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादाओं की याद दिलाते हुए बड़ा हमला बोला

रायपुर| छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके अपनी भूमिका का विस्तार कर रही हैं। राज्यपाल ने अब जिलों का दौरा कर समस्याएं सुनने की घोषणा की है। इसकी वजह से सरकार और राजभवन के बीच टकराव गंभीर होता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादाओं की याद दिलाते हुए बड़ा हमला बोला।

गरियाबंद के सिरकिट्‌टी रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने अधिकार और कर्त्तव्य का ध्यान रखना चाहिए। उसका अतिक्रमण नहीं करना चाहिए। अभी राज्यपाल जी ने अतिक्रमण किया। राज्य सरकार से 10 सवाल पूछ रही हैं। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। विधानसभा से जो बिल पारित हुआ है। उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए अथवा वापस लौटाना चाहिए। कर्नाटक में अभी 61% आरक्षण की बात सुनाई दे रही है। 56% तो पहले था अभी 61% करने वाले हैं। वहां राज्यपाल दस्तखत कर रहे हैं, यहां राज्यपाल राजनीति कर रही हैं। राजभवन के माध्यम से राजनीति कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के दौरे से जुड़े सवाल पर कहा, अब आप दौरा करेंगी। समस्याओं का निदान करेंगी। मंत्रिमंडल आपको सलाह देने के लिए है। आपके पास कोई समस्या आती है, कोई जानकारी आती है तो उसे आप सरकार को सौंप दें। सरकार से जानकारी लें। यह उनका कार्य है। वे फील्ड में जाकर सीधा काम नहीं करेंगी। उसको यहां मनोनीत किया गया है, वह निर्वाचित नहीं है। यह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि जनता की समस्याओं का निदान करने का काम करें। कार्यपालिका अलग है, विधायिका अलग है। न्यायपालिका का भी कार्य बंटा हुआ है। संविधान के दायरे में रहकर सबको काम करना है। ये राष्ट्रपति की प्रतिनिधि के रूप में यहां हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, युवाओं को अपने अधिकार के प्रति सजग रहना चाहिए। उन्हीं के लिए हम लोग ये योजनाएं लाएं हैं। लगातार भर्तियां कर रहे हैं। पहले भी स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह विभाग सहित सभी विभागों में भर्तियां कीं। आगे भी करना चाहते हैं। आरक्षण विधेयक अटकने से न केवल सरकारी नौकरी, अब तो कॉलेज का एडमिशन भी प्रभावित हो रहा है। राज्य सरकार इसे लेकर पूरी तरह सजग है। इसलिए हमने तत्काल विशेष सत्र बुलाया। इसमें भाजपा नहीं चाहती कि लोगों को उनका अधिकार मिले। पीछे दरवाजे से जो राजनीति भाजपा कर रही है, उसका नुकसान युवाओं को हो रहा है। प्रदेश में खनन तेज होने से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो राज्य की संपदा है उस पर आम जनता का अधिकार है। पिछले समय भी खदान था। छत्तीसगढ जब बना उसके पहले भी खदाने थीं। कोल ब्लॉक था, आयरन थे, बॉक्साइट-डोलोमाइट था। छत्तीसगढ़ में मिनरल की कोई कमी नहीं है। उसी राजस्व को लेकर पिछली सरकार ने बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाए। ठेकेदारों के लिए बड़े लोगों के लिए काम करते रहे। हमारे पास जो संसाधन आए उसको आम जनता के लिए, मजदूरों के लिए किसानों के लिए, महिलाओं के लिए, आदिवासियों के लिए सारी योजना बनाकर वितरण किये। यही कारण है कि हम लोगों ने कर्जा नहीं लिया। पिछली सरकार और अभी मध्य प्रदेश को देख लीजिए उन्होंने कितना कर्जा लिया है। इसलिए हमारा वित्तीय प्रबंधन बेहतर है।

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