विधानसभा : औंधे मुंह गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, दोपहर 12 बजे से शुरू हुई चर्चा रात 1 बजे तक चली

Featured Latest खास खबर छत्तीसगढ़ बड़ी खबर राजनीती

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरफ से 109 बिंदुओं के आरोप पत्र के साथ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू हुई, जिसमें पक्ष विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक भी देखने को मिला। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित भी करनी पड़ी। रात करीब 1:01 बजे अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत हो गया। करीब 13 घंटे की चर्चा के बाद विपक्ष के आरोपों का सत्ता पक्ष की तरफ से करारा जवाब दिया गया। सदन में जय सियाराम से लेकर चौकीदार चोर है के नारे भी लगे।

विपक्ष की तरफ से विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की। उनके जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने मैदान संभाला। प्रस्ताव के अंत में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि प्रशासन का राजनीतिकरण में परिवर्तन हुआ। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हां हमने परिवर्तन किया, यह परिवर्तन लोगों के जीवन में हुआ है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वे अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखें। इन्होंने 109 आरोप लगाए पर कोई तथ्य नहीं दिए। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं, लोगों के जीवन में भी बदलाव आना चाहिए, इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा में निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। जब बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं, तब संतोष होता है।

पहले जब अविश्वास प्रस्ताव आता था, तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने इस पर बात नहीं की, यह हमारी उपलब्धि है। भेंट मुलाकात में बस्तर में रात रुका, सभी से मिला। जो सबसे बड़ा कमेंट मिला, जिसने मेरे दिल को छू लिया। जैन समाज के लोगों से मैंने पूछा कि इन चार सालों में क्या फर्क आया। उन्होंने कहा कि रिश्ता करने में बस्तर में अब दिक्कत नही है। आसानी से लोग रिश्ता दे देते हैं, क्योंकि बस्तर बदल गया है। पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थी। आज सड़के काटी नहीं जाती, ये परिवर्तन बस्तर में देखने को मिला है। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उसे हमने आरम्भ कर दिया। राशन पहुंचाना भी पहले टेढ़ी खीर थी। अब कितना आसान हो गया है।

विपक्ष के आरोपों का दिया जवाब

-बस्तर, सरगुजा या मानपुर, दो मांगे मुझसे हुई। एक बैंक और दूसरी स्वामी आत्मानंद स्कूलों की।

-बस्तर के बच्चों को शिक्षित कर दीजिए, सुपोषित कर दीजिए, वे अपनी जिंदगी स्वयं संवार लेंगे।

-20 हजार करोड़ की इनपुट सब्सिडी मिली, जिससे प्रदेश के किसान खुशहाल हुए।

-आपके समय तो 105 करोड का ऋण माफ हुआ, हमने 9500 करोड़ का ऋण माफ किया

-245 करोड़ का गोबर खरीदा 291 करोड़ की सामग्री बेंचा घाटे का सौदा नहीं है

-यह कबीर, बाबा गुरु घासीदास की भूमि है। शांति का टापू है। अपनी संस्कृति के लिए हम काम कर रहे हैं।

डीएमएफ से आ रहा आदिवासी क्षेत्रों में बदलाव

डीएमएफ के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी खदान आदिवासी अंचल में थी। पहली बैठक में मैंने पूछा कि आदिवासियों के जीवन मे क्या परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि नहीं आया। हमने कहा कि यह होना चाहिए। हमने कहा कि इससे स्कूल बनाओ, सड़क बनाओ। डीएमएफ का तभी सही उपयोग होगा।

पांच साल में इस तरह आया बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि गढबो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर जब हम निकले, कितनी बाधा आई। कोरोना आया। सबकी मदद से हमने अपना संकल्प पूरा किया। सबने इसके लिए सहयोग किया। पांच साल में आये परिवर्तन के बारे में बताया। जिले 33 हो गए। तहसील भी बढ़ गए। प्रति व्यक्ति आय बढ़ गई। धान खरीदी 56 लाख से 110 टन हो गई। रकबा भी बढ़ गया। धान खरीदी केंद्र 2400 हो गए। राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना हमने आरम्भ की। 10 हजार से अधिक गोठान बनाए। एकल बत्ती कनेक्शन 15 लाख से 17 लाख हो गए।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *