मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 1 नवम्बर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदेंगे धान

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सेंट्रल पूल में चावल कटौती पर कहा- केंद्र चावल ले या ना ले फर्क नहीं पड़ता

रायपुर: सेंट्रल पूल में चावल के कोटे में कटौती किए जाने पर मुख्यमंत्री ने केन्द्र पर निशाना साधा है। भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र चावल ले या न ले। इससे फर्क नहीं पड़ता। हम हर परिस्थिति में किसानों का प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेंगे।

राजधानी में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी घोषणा के तहत एक नवंबर से धान खरीदी करेंगे। केन्द्र ने चावल का कोटा 86 लाख मीट्रिक टन से अचानक घटा दिया। अब बारदाना भी कम देंगे। आखिर कोटा घटाने के पीछे क्या छिपा है। जो चावल ही नहीं खरीद पा रहे, वो धान क्या खरीद पाएंगे। यहां धान खरीदने का हल्ला मचाते घूमते हैं।

सीएम ने आगे कहा कि पहले भी ये ऐसा कर चुके हैं। तब हमे घाटा सहकर भी खुले बाजार में बेचने को मजबूर होना पड़ा। हमने किसानों को घाटा नहीं होने दिया। बीजेपी को हर बात में राजनीति दिखती है और अब इस मामले में भी सियासत करने लगी है। छत्तीसगढ़ के साथ पहले भी यही रवैया अपनाते रहे। भूपेश ने बयान दिया कि भाजपा हमेशा किसानों के साथ धोखा करती रही। कभी आय दोगुनी करने की बात करती है। 2100 समर्थन मूल्य और 300 बोनस देने की बात कर धोखा देती रही। कांग्रेस सरकार हमेशा विपरित परिस्थितियों में भी धान खरीदती रही।

पहली लिस्ट के बाद बीजेपी में अंतर्कलह

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में ही अंतर्कलह मच गया है। संघ के नेता बिहार में आरक्षण खत्म करने की बात करते थे। यहां आकर सुर बदल रहे हैं। संघ और भाजपा अगर आरक्षण के समर्थक हैं, तो राज्यपाल से कहें, वहां अटके विधेयक में हस्ताक्षर कर दें।

शाह की सभा में भीड़ नहीं होने पर कसा तंज

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गृहमंत्री अमित शाह के दौरे और उनकी सभाओं में भीड़ नहीं जुटने को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अमित शाह यहां से हमेशा नाराज होकर जाते हैं। भिलाई में एक घंटा इंतजार करना पड़ा पर भीड़ नहीं जुटी। वे रात में आते हैं और घुड़की देकर जाते हैं। आरोप पत्र वाले दिन तो उनका हॉल भी नहीं भर पाया, वो बेहाल हो गए। सरायपाली में भी यही हुआ। कितनी भी कोशिश कर लें, भाजपाई नेता मानसिक रूप से थक चुके हैं। शाह ने अपनी मजबूत टीम ईडी, आईटी का उपयोग नहीं किया। उसे बोल देते तो भीड़ आ जाती।

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