हंसी-ठिठोली करने एक दफा पुराने दौर में लौटें, OTT पर देखें ये 4 पुरानी कॉमेडी फिल्में, यकीन मानिए उछल पड़ेंगे

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मुंबई : हम सभी में हर कोई ऐसा है, जिसे कॉमेडी फिल्में देखना बेहद पसंद है। चाहे कोई भी हो, और किसी भी जॉनर को पसंद करता हो लेकिन कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है जिसे हर कोई देखना पसंद करता है। हालांकि, अब तो हमारे पास कई सारी फिल्मों के ऑप्शन हैं। हम कभी भी बैठकर इन्हें देख सकते हैं और मजे ले सकते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि 80, 70 और 60 के दशक में भी ऐसी कई कॉमेडी फिल्में बनीं, जिन्हें अभी भी देख लिया जाए, तो हंस पड़ेंगे। आइए इनमें से 4 बेस्ट की लिस्ट दिखाते हैं।

अंगूर (1982)

विलियम शेक्सपियर के नाटक, ‘ए कॉमेडी ऑफ एरर्स’ पर बेस्ड ‘अंगूर’ चार जुड़वां बच्चों की कहानी है जो कम उम्र में अलग हो जाते हैं। कई वर्षों के बाद, भाग्य अपना खेल खेलता है और उन चारों को एक ही जगह पर ले आता है, जिसके बाद गलतफहमियों का सिलसिला शुरू हो जाता है। पहले दो जुड़वां बच्चों का नाम अशोक है, जबकि बाकी दो का नाम बहादुर है। फिल्म में संजीव कुमार और देवेन वर्मा लीड रोल में हैं। कहानी काफी मजेदार है।

गोल माल (1979)

अमोल पालेकर फिल्म में एक नए कॉलेज ग्रेजुएट हैं जो नौकरी के लिए भवानी शंकर की कंपनी में इंटरव्यू देने जाते हैं। उस पोस्ट के लिए, उन्हें मूंछें रखना, भारतीय कपड़े पहनना और खेल या संगीत जैसी चीजें करनी होती हैं। उन्हें जैसे-तैसे नौकरी तो मिल जाती है लेकिन बाद में मुश्किल होती है। उन्हें एक हॉकी मैच में अपने बॉस के सामने झूठा नाटक करना पड़ता है। एक अकेला झूठ जल्द ही कहानी में बदल जाता है, क्योंकि राम दोहरी जिंदगी जीने लगता है। इसकी कहानी भी काफी मजेदार है।

पड़ोसन (1968)

फिल्म एक मासूम लड़के ‘भोला’ (सुनील दत्त) की कहानी बताती है, जो अपनी चाची के साथ रहता है। उसकी नज़र अपनी पड़ोसी बिंदू (सायरा बानो) पर पड़ती है और वह उससे प्यार करने लगता है। हालांकि, वह भोला में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती है, जो तब अपने दोस्त विद्यापति (किशोर कुमार) से मदद मांगता है। उसे गाना सिखाने में असमर्थ विद्यापति ने बिंदू का दिल जीतने के लिए भोला से उसकी आवाज पर लिप-सिंक करने को कहा। उनकी प्लानिंग काम करने लगती है। ये फिल्म आपको हंसाकर लोट-पोट कर देगी।

खट्टा मीठा (1978)

यह फिल्म दो परिवारों के मिलन की कहानी है, जो खूब गुदगुदाती है। होमी मिस्त्री अपने चार बेटों की देखभाल करते हैं, जिनकी पत्नी मर चुकी है। वो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं, उन्होंने अपने परिवार को पूरा करने की उम्मीद में दोबारा शादी करने का फैसला किया। होमी के दोस्त ने उन्हें तीन बच्चों की अकेली मां नरगिस सेठना से मिलवाया और दोनों ने शादी कर ली। जैसे ही दोनों को अकेले में वक्त मिलता है, उनके बच्चे लड़ाई के लिए चाकू निकाल लेते हैं। ऐसे ही कई सीन्स हंसाते-गुदगुदाते हैं।

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