रायपुर: विधानसभा में रेत के मुद्दे के बाद नगरीय निकाय से जुड़े साल पूछे गये। इस दौरान दुर्ग विधायक ने नगरीय निकाय के मंत्री अरुण साव से सवाल किया। हालाँकि मंत्री के जवाब से गजेंद्र यादव असंतुष्ट नजर आएं। उन्होंने यह भी दावा किया कि जो जानकारी मंत्री को उपलब्ध कराई गई हैं वह गलत हैं।
दरअसल पूरा मामला दुर्ग नगर निगम के द्वारा कथित गलत भुगतान से जुड़ा था। उन्होंने नगर पालिका निगम दुर्ग द्वारा बिना किसी मशीनरी के स्थापना एवं एकत्रित कचरे के समुचित निष्पादन किए बिना कार्य एजेंसी को भुगतान किए जाने की ओर उप मुख्यमंत्री (नगरीय प्रशासन)का ध्यान आकर्षित कराया।
विधायक गजेंद्र यादव ने पूछा कि अगर मशीनरी की स्थापना नही की गई है तो कौन सी विधि से कचरे का निष्पादन किया गया है? क्योंकि जानकारी जुटाने पर पाया गया है की वहां पर किसी तरह कोई मशीन है ही नही। इस पर विभागीय मंत्री अरुण साव ने बताया कि उक्त स्थान पर जेसीपी, हैवी ट्रॉली, ट्रेक्टर, जेसीपी और कई अन्य मशीनों का उपयोग किया गया है।
गजेंद्र यादव ने पूछा कि कही भी किसी भी मशीन का उपयोग कचरे के निष्पादन के लिए नही की गई है। आज भी 12 एकड़ में पूरा कचरा डंप है। कागज में केवल सारे कार्य हुआ है क्या किसी अधिकारी ने अब तक भौतिक सत्यापन किया? मंत्री ने कहा कि आपरेशन सर्टिफिकेट अधिकारियों के दौरान दिया गया है। आप चाहते है तो हम इंस्पेक्शन कराकर देख लेंगे। विधायक ने दावा किया कि आज भी 12 एकड़ दुर्गंध युक्त कचरा वैसा का वैसा ही पड़ा हुआ है। क्या आप इसपर कोई कार्यवाही करेंगे? मंत्री ने कहा कि 1.5 एकड़ का एरिया बचा हुआ है। उसके निष्पादन के लिए कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विधायक ने कहा कि मंत्री जी को पूरी गलत जानकारी दी गई है। क्या आप इसपर कार्यवाही करेंगे? मंत्री जी के पास जो जानकारी है वह पूरी गलत है? क्या प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी के ऊपर कार्यवाही करेंगे? काम अगर हुआ ही नहीं है तो कंपाडिशन किस बात का?
मंत्री ने कहा कि रेस्ट एरिया एक के लिए निष्पादन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विधायक ने कहा, अधिकारियों के द्वारा गलत जानकारी दी गई है, यह कार्य केवल लिखवाने से नही होगा? मंत्री ने कहा कि इस कार्य का मैं इंस्पेक्शन करवा लूंगा कोई त्रुटि पाई गई तो निश्चित कार्रवाई करेंगे।