पांढुर्णा : मध्यप्रदेश के पांढुर्णा में गोटमार मेला 2 सितंबर से शुरू हुआ। मंगलवार को मेले में पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों के बीच जाम नदी की पुलिया पर सुबह 10 बजे से पत्थरबाजी शुरू हुई। पत्थर लगने से अब तक 32 लोग घायल हो चुके हैं। 4 की हालत गंभीर है। सभी का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है। मेले में 6 जिलों का पुलिस बल तैनात है।
जानें क्या है अनोखी परंपरा
मान्यता है कि हजारों वर्ष पहले जाम नदी के किनारे पिंडारी समाज का प्राचीन किला था। किले में समाज और शक्तिशाली सेना निवास करती थी। सेनापति दलपत शाह था, लेकिन महाराष्ट्र के भोसले राजा की सेना ने पिंडारी समाज के किले पर हमला बोल दिया। अस्त्र-शस्त्र कम होने से पिंडारी समाज की सेना ने पत्थरों से हमला कर दिया। भोसले राजा परास्त होा गया। तब से यहां पत्थर मारने की परंपरा चली आ रही है।
10 हुए थे घायल
गोटमार मेला 2 सितंबर की शाम को शुरू हुआ। दो घंटे तक मेले में पत्थरबाजी हुई। सोमवार को 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 4 लोग गंभीर हैं, जिनका इलाज सिविल अस्पताल में जारी है। अंधेरा होने पर दोनों पक्ष के लोग अपने-अपने घर लौट गए।