108 एम्बुलेंस सेवा संचालकों ने इनकम टैक्स को सरेंडर किए 30 करोड़ नकद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाली जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेस में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी पकड़ी गई है। इनके संचालकों ने चोरी कबूलते हुए 30 करोड़ रूपए सरेंडर किया है। आयकर टीम ने बुधवार को अवंति विहार सेक्टर-2 स्थित ग्लोबल टावर की दूसरी मंजिल पर स्थित 108 के ऑफिस के अलावा संचालकों के घर को घेरा था । कंपनी के तीन निदेशकों/संचालक हैं। कार्रवाई के दौरान इनमें से केवल दो जोगेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह ही मिले तीसरे निदेशक अमरेंद्र सिंह नहीं थे। आयकर अफसर दोपहर करीब 12 -1बजे कंपनी के अधिकारी पहुंचे और विभिन्न दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की गहन जांच (सर्वे ) शुरू की। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने कर चोरी स्वीकारते हुए करीब 30 करोड़ रूपए सरेंडर किए हैं।

यह चोरी कंपनी अपने कर्मचारियों के वेतन भत्ते आदि में गड़बड़ी कर करते रही है। यह बताया गया है कि हर वर्ष कर्मचारियों को अपनी अन्य फर्मों में अदला बदली कर नई नियुक्ति दर्शाकर अपने फायदे के लिए देनदारी में गड़बड़ी करते रहे हैं। स्थाई कर्मचारी बहुत कम दर्शाए जाते रहे । ऐसा करके फर्म सिंह बंधु आयकर की धारा 80 टीटीएए में गड़बड़ी कर अपना कर देयता चोरी करते रहे। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि कंपनी ने अपनी स्थापना लागत और खर्चों को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था, जो कर देनदारी से बचने के लिए फर्जी बिलिंग के तौर पर उपयोग किया जा रहा था। आईटीआर व अन्य रिकार्ड में बड़े पैमाने पर खर्च दिखाकर प्राफिट कम दर्शाने की शिकायत, व आंकलन के बाद यह कार्रवाई की गई। इस दौरान सभी संदिग्ध लेन-देन से संबंधित बिल्स की बारीकी से जांच की गई। आश्चर्यजनक रूप से, कंपनी किराए की बिल्डिंग में संचालित होने के बावजूद असामान्य रूप से ऊंचे खर्च दर्शा रही थी। कार्रवाई के दौरान, टीम ने अकाउंट्स डिपार्टमेंट से तीन डेस्कटॉप, चार लैपटॉप की इंट्रियों की गहन जांच की।और कंपनी से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के लगभग पांच मोबाइल फोन जब्त किए।

जांच में पता चला कि जोगेंद्र सिंह कई कंपनियों में निदेशक के रूप में जुड़े है। इनके कर्मियों को हर वर्ष एक दूसरे में बदलकर देनदारी से बचते रहे। इनकी फर्मों में माँ मदवारानी कोल बेनेफिशिएशन प्राइवेट लिमिटेड, फेसिक फोर्जिंग प्राइवेट लिमिटेड, अरंश प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, किंग रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, प्रगति ट्रांसमूवर्स प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसी तरह,इनके भाई धर्मेंद्र सिंह अचकन्न क्लोदिंग प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, डिलिजेंस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और डिलिजेंस हेल्पिंगहैंड फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं।

विभाग ने संकेत दिया है कि इन सभी कंपनियों की गहन जांच की जाएगी ताकि विभिन्न इकाइयों के जरिए कर चोरी के किसी संभावित नेटवर्क का पता लगाया जा सके। आयकर विभाग की असेसमेंट विंग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा, च्च्इस स्तर के सर्वे आने वाले महीनों में और तेज किए जाएंगे ताकि कड़े कर अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके और चालू वित्तीय वर्ष के राजस्व लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।ज्ज् विभाग अब फॉरेंसिक ऑडिट और मूल्यांकन विशेषज्ञों की मदद से वित्तीय अनियमितताओं को समाप्त करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राजस्व चोरी पर नजर रखने की रणनीति अपना रहा है। यह सर्वे मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाउ की निगरानी में संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा ने 20 कर जांचकर्ताओं और छह सशस्त्र पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में कार्रवाई पूरी की। कम वेतन ईपीएफ में गड़बड़ी को लेकर कर्मी आंदोलन कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार इस फर्म के ड्राइवर, पैरा मेडिकल स्टाफ कम वेतन भत्ते, ईपीएफ कटौती को लेकर कई बार हड़ताल आंदोलन कर चुका है । कुछ शिकायतें कम एंबूलेंस और अधिक डीजल खत्म की भी है।

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