सिवनी। नागपुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन क्रमांक 1201 में छिंदवाड़ा जिले के गांव से भाग कर सफर कर रही नाबालिग के साथ रेलवे के कर्मचारियों ने संवेदनशीलता दिखाई। सिवनी रेलवे स्टेशन पहुंचने पर आरपीएफ ने नाबालिक को बाल कल्याण विभाग को सुरक्षित सौंपा। यहां से उसे स्वजनों से मिलवाने की कार्रवाई की गई।
जानकारी के अनुसार गुरूवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, नागपुर डिप्टी चीफ टिकट निरीक्षक संजय कुमार गौरव ने नागपुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन में ड्यूटी के दौरान देखा कि एक 17 वर्षीय लड़की छिंदवाड़ा से इस ट्रेन में सवार होकर अकेले यात्रा कर रही थी।
फुटरेस्ट पर बैठी थी
उन्होंने जांच के दौरान इस लड़की को कोच बी-2 में फुटरेस्ट पर बैठे देखा। जब उन्होंने युवती से यात्रा के बारे में पूछताछ तो वह चुप रही। इस पर उन्होंने कोच बी-2 की कुछ महिला यात्रियों की मदद से नाबालिग का विश्वास जीतने की कोशिश कर जानकारी ली। इसके बाद उसने बताया कि वह छिंदवाड़ा के एक दूरदराज के इलाके से अपने घर से केवल एक बैग, एक लैपटाप और एक नोट बुक लेकर भागी है।
उसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली
जांच के दौरान नाबालिग की कॉपी से मोबाइल नंबर मिला। नंबर पर कॉल कर परिवार और जान-पहचान वालों को सूचित करने की कोशिश की गई। हालांकि किसी ने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया और उसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी।
जानकारी के अभाव और लड़की की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए टीटीई स्टाफ संजय ने तुरंत नागपुर वाणिज्यिक नियंत्रण को सूचित किया और उसकी सुरक्षा के लिए सहायता मांगी। इस के बाद नागपुर वाणिज्यिक नियंत्रण के माध्यम सिवनी में रेलवे सुरक्षा बल को सूचित किया गया।
बाल कल्याण विभाग को सौंप दिया गया
आरपीएफ की टीम ने महिला स्टाफ के साथ सिवनी स्टेशन पर पहुंच कर कुछ महिला यात्रियों की मदद से नाबालिग को संबंधित आरपीएफ विनोद साहू को एक मेमो के साथ सौंप दिया गया। आरपीएफ एसआई विनोद साहू ने बताया कि नाबालिग को आवश्यक कार्रवाई के बाद बाल कल्याण विभाग को सौंप दिया गया।