भोपाल : मध्य प्रदेश के मऊगंज में 15 मार्च की देर रात शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में गांववालों ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिसकर्मी गांव में बंधक युवक को छुड़ाने गए थे. ग्रामीणों के हमले में एक एएसआई की मौत हो गई और टीआई और तहसीलदार समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. जिनका इलाज जारी है. गांव में धारा 163 लागू की गई है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’
सीएम मोहन यादव ने मऊगंज में पुलिस पर हमले को लेकर कहा कि मऊगंज की घटना हमारे लिए दुखद है. दोषियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि मैं मृतक के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. मैंने उच्च अधिकारियों और प्रभारी मंत्री को घटनास्थल पर भेजा है. स्थिति में नियंत्रण में है. हम लॉ एंड ऑर्डर को व्यवस्थित रखेंगे. मध्य प्रदेश में संवेदनशील सरकार है.
‘पुलिस का डर समाप्त हो गया है’
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कानून व्यवस्था पर निशाना साधते हुए कहा कि मऊगंज से खबर आई है कि पुलिस ने आदिवासियों पर इतना अत्याचार किया कि उन्होंने पुलिस थाने पर हमला कर दिया. पुलिस की पिटाई के जितने मामले मध्य प्रदेश में हैं, उतने देश-दुनिया में कहीं नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि कानून व्यवस्था ढह गई है और पुलिस का डर समाप्त हो गया है. गृहमंत्री टोटल फेल हो गए है. देश के प्रधानमंत्री को इसे देखना चाहिए कि यदि दो दिनों में पुलिस पर 5 जगह पुलिस पर हमला हो रहा है तो कानून बचा कहां?