भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी 11 अप्रैल को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में आएंगे. पीएम यहां आनंदपुर धाम के वार्षिक मेले में शामिल होंगे. यहां प्रधानमंत्री अद्वैतमत के महाराज शब्द प्रेमानंद और साधु-संतों से भेंट करेंगे. इसके साथ ही गुरु गादी का आशीर्वाद भी लेंगे.
कार्यक्रम में 20 हजार लोग होंगे शामिल
11 अप्रैल को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के आनंदपुर धाम में वैशाखी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यहां प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे. इसे लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. पीएम यहां श्री आनंदपुर धाम के सेवा प्रकल्पों के बारे में जानकारी लेंगे. इस कार्यक्रम में देश और प्रदेश से आए लगभग 20 हजार लोग शामिल होंगे.
लंगर चखेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री आनंदपुर धाम परिसर में स्थित आनंद सरोवर में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. पीएम को आश्रम और धाम में आयोजित की जाने वाली आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी. इस धाम के परिसर में स्थित चारों मंदिरों में दर्शन करेंगे. विशाल मंच से देश और प्रदेश से आए लगभग 20 हजार लोगों को संबोधित करेंगे. इसके साथ ही पीएम लंगर चखेंगे.
सीएम ने की समीक्षा बैठक
सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने बताया कि देश के प्रमुख धार्मिक, आध्यात्मिक और सेवा संस्थानों में से एक अशोकनगर का श्री आनंदपुर धाम है. यहां हर साल वैशाखी पर वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल ये पीएम मोदी के आने से विस्मरणीय बनने जा रहा है.
श्री आनंदपुर धाम क्यों इतना अहम?
श्री आनंदपुर धाम मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ में स्थित है. यह जिला मुख्यालय अशोकनगर से उत्तर की ओर 42 KM दूर स्थित है. श्री आनंदपुर भक्ति और अध्यात्म के मुख्य केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है, जहां सत्य के साधक आध्यात्मिक ज्ञान और शांति प्राप्त करते हैं.
धाम के बाद बना ट्रस्ट
साल 1933 में धाम बनने के बाद इसका विस्तार कर 22 अप्रैल 1954 को आनंदपुर ट्रस्ट की स्थापना हुई. इस ट्रस्ट की जिले में हजारों एकड़ में फैली इनकी कृषि भूमि है. इसके साथ ही लगभग 1400 बीघा में बने आश्रम के आस -पास कई किमी लंबी बाउंड्री के अंदर एक अनोखा शहर बसता है. जहां एक अलग नियम और आदेश लागू किया जाता है. आश्रम के नियम-कानूनों को मानने वाले अनुयायियों की गुरु भक्ति का अनोखा स्वरूप भी यहां देखने को मिलता है.