अंबिकापुर : अंबिकापुर में 8 महीने पहले हुए अक्षत अग्रवाल हत्याकांड के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफिक और नार्को टेस्ट का रिपोर्ट या गई है, जिसमें आरोपी ने वही बातें दोहराई है, जो पुलिस को पहले अपने बयान में दिया था अब ऐसे में अक्षत अग्रवाल ने अपनी हत्या के लिए आरोपी संजीव मंडल को सुपारी क्यों दी थी, यह राज बनकर रह जाएगी.
अक्षत हत्याकांड पर सस्पेंस, मोबाईल नहीं हुआ अनलॉक
वहीं मृतक अक्षत अग्रवाल का आई फोन को पुलिस अनलॉक नहीं कर पाई है पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मोबाइल फोन को अनलॉक करने के लिए साइबर सेल के अलावा सीबीआई और NIA के मुख्यालय से भी संपर्क किया लेकिन वहां से भी आईफोन अनलॉक नहीं हो पाया.
पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट से भी नहीं खुला राज
इस पूरे मामले में सरगुजा के पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल क्या कहना है कि मृतक के आईफोन को अनलॉक करने के लिए सीबीआई, NIA से भी संपर्क किया गया लेकिन उसे अनलॉक नहीं किया जा सका. उसे अनलॉक करने पर पुलिस को बहुत कुछ जानकारी मिल सकता था. वही अलग-अलग कराए गए टेस्ट में भी पुलिस को कोई नई जानकारी नहीं मिली है.
पुलिस अधीक्षक ने अभी बताया कि अक्षत की हत्या में प्रयुक्त तीनों पिस्टल आखिर कहां से आए पुलिस इसकी भी जांच की और इसकी जांच के लिए पुलिस मालदा तक पहुंच गई थी लेकिन इस रहस्य से भी पर्दा नहीं उठ पाया.
8 महीने पहले हुई थी हत्या
बता दें कि अंबिकापुर में अगस्त 2024 में अक्षत अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी और उसकी लाश कार में मिली थी. पुलिस ने पूरे मामले का इन्वेस्टिगेशन करते हुए हत्या के आरोप में संजीव मंडल को गिरफ्तार किया था और तब संजीव मंडल ने पुलिस को बताया था कि अक्षत अग्रवाल ने ही अपने हत्या के लिए उसे सुपारी दिया था और कहा था की हत्या के बदले में उसे पैसा और जेवर देगा.
इतना ही नहीं हत्या करने के लिए अक्षत अग्रवाल ने ही उसे तीन पिस्टल उपलब्ध कराया था. आरोपी के द्वारा ऐसी कहानी बताए जाने के बाद अक्षत के परिजनों ने भी पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.इसी आधार पर पुलिस अलग-अलग टेस्ट करा रही थी लेकिन उसमें भी हत्याकांड के पीछे का राज सामने नहीं आ पाया. यह पता नहीं चल पाया कि आखिर अक्षत खुद की हत्या के लिए सुपारी क्यों दिया था अक्षय अग्रवाल आखिर क्यों मरना चाहता था. अब इन सारे सवालों का जवाब रहस्य बनकर रह गया है.