कोयला घोटाला मामले में रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, लेकिन जेल से नहीं आ पाएंगे बाहर

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आईएएस रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत दे दी है. लेकिन ईओडब्लू में दर्ज कई मामलों के चलते अभी ये सभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

रानू साहू और सौम्या चौरसिया को मिली जमानत

डीएम्ऍफ़ घोटाले के मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी और सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी है. जिसमें गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई गई है.

वहीं जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बैंच ने ये अंतरिम जमानत दी है. लेकिन ईओडब्लू में दर्ज कई मामलों के चलते जेल अभी ये आरोपी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.

एसीबी- ईओडब्लू ने पेश की थी 6000 पन्नों की चालान

बता दें कि दो दिन पहले DMF घोटाले की छत्तीसगढ़ के डीएम्ऍफ़ घोटाला केस (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) में एसीबी- ईओडब्लू ने की टीम ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में 6000 पन्नों का चालान पेश किया. चार्जशीट में रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया है.

चार्जशीट में 9 लोगों को बनाया गया आरोपी

इसमें निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर और डीएमएफ (कोरबा) के नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, तीन तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) मुनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र राठौर और राधेश्याम मिर्झा व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और बिचौलिया मनोज द्विवेदी को आरोपी बनाया गया था.

ईओडब्लू के आरोपों के मुताबिक़ करीब 75 करोड़ का स्कैम हुआ है…टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है.

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