बिना पुस्तक, बिना शिक्षक, टूटे और जर्जर शाला भवन, ये कैसा प्रवेश उत्सव? : कांग्रेस

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बच्चों की किताबें कबाड़ की दुकानों में पहुंच रहे, शिक्षक हड़ताल पर हैं और सरकार प्रायोजित इवेंट में व्यस्त

रायपुर : भाजपा सरकार के शाला प्रवेश उत्सव मनाने की तैयारी को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जो किताबें बच्चों के स्कूली बैग में होने चाहिए, शिक्षण सत्र शुरू होने से पहले ही कबाड़ी की दुकानों में बिक रहे हैं, युक्तियुक्तकरण के नाम पर पिछले शिक्षण सत्र की तुलना में छत्तीसगढ़ के 10372 सरकारी स्कूल कम हो गए, भयादोहन से व्यथित प्रदेशभर के शिक्षक हड़ताल पर हैं, रखरखाव के अभाव में कई स्कूल जर्जर अवस्था में हैं और आत्ममुग्ध सरकार के शाला प्रवेश उत्सव मनाने की तैयारी कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए केवल इवेंटबाजी कर रही है। सरकार के फोकस में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करना, है ही नही, इसीलिए लगातार  अव्यावहारिक निर्णय थोप रही है। नए सेटअप के नाम पर प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी में न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती की गई, छात्र शिक्षक अनुपात बढ़ाए गए और 10 हजार से अधिक स्कूलों को मर्ज कर दिया गया, इनके डायस कोड विलोपित किए जा चुके हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि स्कूली छात्रों को यह सरकार ना गणवेश दे पा रही है, ना सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल का वितरण हो पा रहा है, न ही पाठ्यपुस्तक समय पर छात्रों को उपलब्ध है। पिछले शिक्षण सत्र के दौरान भी लगातार यह शिकायतें आई कि उसी सत्र की किताबें कबाड़ की दुकान और कागज गलाने के कारखानो तक पहुंचाए गए। वर्तमान सत्र में भी यही हाल है, स्कूल खुलने से पहले ही जो किताबें स्कूली बच्चों के बस्तों में होने चाहिए, कमीशनखोरी के चलते कबाड़ की दुकानों में पहुंचना शुरू हो गया है। भाजपा की सरकार मोटे कमीशन के लालच में निजी स्कूलों को संरक्षण देने के लिए सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में तुली हुई है।

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