डॉ सुरेन्द्र दुबे का अंतिम संस्कार : श्रधांजलि देने वालो की मारवाड़ी श्मशान घाट में उमड़ी भीड़, कई बड़े नेता और कवि पहुचे

Featured Latest आसपास छत्तीसगढ़ प्रदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि और पढश्री से सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का अंतिम संस्कार मरवाड़ी शमशान घाट मैं किया गया। कई दिग्गज नेता और कलाकार उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और मंत्रिमंडल के सदस्य भी वहां पहुँचे। मशहूर कवि डॉ. कुमार विश्वास, सूफी भंजन गायक पद्मश्री मदन चौहान, कवि सुदीप भोला, गायक- अभिनेता सुनिल तिवारी और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह भी वहाँ पर मौजूद हैं।

उल्लेखनीय है कि; पढ़ी डॉ. सुरेंद्र दुबे की तबीयत अचानक खराब ही गई। उन्हें रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया। वहां पर इलाज के दौरान उन्हैं हार्ट अटैक आया और उनकी मौत ही गई। डॉ. सुरेंद्र दुबे ने हास्य और व्यंग्य विधाओं की न सिर्फ मनौर॑जन का माध्यम बनाया बत्कि सामाजिक चिंतन का भी जरिया बनाया। मंच पर उनकी प्रस्तुति, शब्द चयन और आ्मविश्ञास दर्शकों का मन मोह लैता था।

पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक थे डॉ. सुरेंद्र दुबे

बतादें कि, डॉ. सुरेंद्र दुबे का जन्म 8 अगस्त 1953 को बैमेतरा, छत्तीसगढ़ में  हुआ था। वे पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। उन्होंने हास्य कवि के रूप में प्रसिद्धि हासिल की। हिन्दी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी भाषा में उनकी अच्छी पकड़ थी। उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं और कई बड़े मंचों पर भी नजर आए। उन्हें भारत सरकार द्वारा साल 2010 मैं देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इससे पहले पदा्री डॉ.सुरेंद्र दुबे को साल 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्र पुरस्कार मिला था। साल 2021 मैं पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टास सम्मान और संयुक्त राज्य अमेरिका में लीडिंग पीएट ऑफ इंडिया सम्मान प्राप्त ही चुके हैं।

विदेशों में भी किए गए सम्मानित

डॉ. सुरेंद्र दुबे ने छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर देश ही नहीं दिदेशों में भी अपनी कविताओं से लौगों का दिल जीता है। उन्हें अमेरिका के वाशिंगटन मैं अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी एसोसिएशन द्वारा आयोजित समारोह मैं उन्हें हास्य शिरोमणि सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया। नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की तरफ से शिकागों में उन्हें छत्तीसगढ़ रत्र सम्मान से सम्मानित किया गया था। उनकी स्चनाओं पर देश के 3 विश्वविद्यालयों ने पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की है।

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *