युक्तियुक्तकरण से साकार हुई गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना, पीएमश्री शाला संबलपुर में शिक्षकों की संख्या में वृद्धि से अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था हुई सुदृढ़

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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्कूलों में आवश्यकता के अनुरूप शिक्षकों की पदस्थापना के उद्देश्य से लागू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हो रही है। इसी कड़ी में बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला संबलपुर में भी शिक्षकों की कमी की समस्या दूर हुई है। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इस शाला में दो शिक्षकों की नवीन पदस्थापना से अध्ययन-अध्यापन की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं, जिससे न केवल विद्यार्थियों एवं पालकों को लाभ हुआ है, बल्कि ग्रामीणों एवं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों में भी संतोष एवं प्रसन्नता का वातावरण है।

शाला में युक्तियुक्तकरण से पूर्व कुल तीन शिक्षक पदस्थ थे, जबकि विद्यार्थियों की संख्या 150 से अधिक थी। शिक्षकों की इस कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा था। राज्य शासन की पहल से अब शाला में प्रधानपाठक श्रीमती वीणा ठाकुर सहित कुल पांच शिक्षक श्री अनिल दिल्लीवार, श्री राबिन नागवंशी, श्रीमती बंसती टिकेश्वर एवं श्रीमती सुनीता की पदस्थापना हो चुकी है, जिससे कक्षा संचालन में सुगमता आई है तथा विद्यार्थियों को विषयवार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो रही है।

स्थानीय साहित्यकार एवं शिक्षाविद् श्री बिरेन्द्र निरोटी एवं शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री गंगाराम निषाद ने राज्य शासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीणजन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की जा रही थी, जो अब पूर्ण हुई है। इससे ग्रामीणों, पालकों और विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति नया उत्साह देखने को मिल रहा है।

राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से शिक्षकविहीन अथवा एकल शिक्षकीय शालाओं में भी अब जरूरत के मुताबिक शिक्षक पदस्थ हुए हैं। यह पहल न केवल शिक्षा के स्तर को सुधारने में सहायक है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण एवं समावेशी शिक्षा की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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