धमतरी। जिले के करेलीबाड़ी क्षेत्र में अप्रैल 2021 में हुए दोहरे हत्याकांड को लेकर आरोपी बेटे महेश कुमार वर्मा को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने माना कि घटना के समय आरोपी मानसिक रूप से अस्वस्थ था, इसलिए उसे आईपीसी की धारा 302 और 323 के आरोपों से मुक्त किया जाता है.
आरोपी महेश ने अपने ही पिता पन्नालाल वर्मा और दादी त्रिवेणी वर्मा की हत्या कर दी थी. घटना के समय वह कमरे में बंद था, और जब उसे पानी की प्यास लगी तो उसने दरवाजा खुलवाया. बाहर निकलते ही उसने खुद को हनुमानजी, दुर्गा’ बताया और हिंसक व्यवहार शुरू कर दिया, उसकी मां ने बताया कि बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह रायपुर के मानसिक चिकित्सालय से डेढ़ साल से इलाज ले रहा था, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि पुलिस ने आरोपी की मानसिक स्थिति की जांच नहीं कराई और न ही उसके इलाज से जुड़े कोई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए. घटना के समय आरोपी का मानसिक संतुलन नहीं था, यह बात उसके व्यवहार, परिजनों की गवाही और पूर्व इलाज के रिकॉर्ड से साबित हुई.
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 22 (पूर्व में आईपीसी की धारा 84) के तहत यह स्पष्ट किया कि, यदि व्यक्ति अपने कृत्य की प्रकृति या उसकी गलतता को समझने में असमर्थ हो, तो वह अपराध का दोषी नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि, अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि आरोपी घटना के समय मानसिक रूप से पूर्णतः स्थिर था. ऐसे में संदेह का लाभ आरोपी को दिया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने आरोपी महेश कुमार वर्मा को हत्या के आरोपों से बरी कर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है, साथ ही कोर्ट में 25 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया है.