चैतन्य बघेल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने फिर 15 सितंबर तक बढ़ाई रिमांड, 2 महीने से हैं जेल में बंद

Featured Latest छत्तीसगढ़ जुर्म

रायपुर : छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले के आरोपी चैतन्य बघेल को बड़ा झटका लगा है..विशेष कोर्ट ने चैतन्य बघेल की न्यायिक हिरासत फिर बढ़ा दी है…15 सितंबर तक चैतन्य को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है..15 सितंबर को ईडी शराब घोटाले में चार्जशीट पेश कर सकती है…

15 सितंबर तक बढ़ी चैतन्य बघेल की रिमांड

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं…पीएमएलए कोर्ट ने आज फिर उनकी न्यायिक हिरासत 10 दिन बढ़ा दी. 18 जुलाई को शराब घोटाला मामले में ईडी ने चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था तबसे वो जेल में हैं.

चैतन्य को 17 करोड़ रुपए मिले- ईडी

ईडी ने चैतन्य को घोटाले से करीब 17 करोड़ रुपए मिलने का आरोप लगाया है जिसको लेकर चैतन्य से लगातार पूछताछ चल रही है… ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में घोटाले के पैसे को इन्वेस्ट किया था…इस प्रोजेक्ट से जुड़े अकाउंटेंट के ठिकानों पर छापेमारी कर ईडी ने रिकॉर्ड जब्त किए थे.

कैसे फंस गए चैतन्य?

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पहले ही प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री और वर्तमान में कोंटा के विधायक कवासी लखमा गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं, रायपुर के पूर्व मेयर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा और आबकारी विभाग के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी के खिलाफ भी एक्शन लिया चुका है. माना जा रहा है कि शराब घोटाले में जुड़े रकम को चैतन्य बघेल और उनके करीबियों की संपत्ति में इंवेस्ट किया गया है.

3200 करोड़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 3200 करोड़ के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है. प्रदेश में 2018 से 2023 के बीच जब कांग्रेस की सरकार थी और सीएम भूपेश बघेल थे तब प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ. इसे लेकर ईओडब्लू ने चार्जशीट में जानकारी देते हुए बताया कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोड़ों रुपए की जमीन और दौलत खरीदी है.

सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक ईओडब्लू के मुताबिक पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई गई थी, लेकिन जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ रुपए से अधिक का है.

लोगों को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *