इंजीनियर निकला तस्कर, दो सहयोगियों की मदद से करता था नशीली दवाई की सप्लाई

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दुर्ग। जिले में एक इंजीनियर के पास से बड़ी मात्रा में नशीली दवाई पकड़ाई है। बताया जा रहा है दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर इंजीनियर वैभव खंडेलवाल ने पहले फर्जी कंपनी बनाई और उसके बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खुद को बड़ा दवाओं का सेलर बताकर नशीली दवाओं का कारोबार शुरू किया था। मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है।

पुलिस ने 4 दिन पहले मुख्य आरोपी वैभव के पास से नशे में उपयोग की जाने वाली अलग-अलग ब्रांड की 17,208 गोलियां और 12 सिरप जब्त किए थे। अब पुलिस ने आरोपी के सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी वैभव की निशानदेही पर पुलिस ने अपने सूत्रों को एक्टिव किया। 4 दिन बाद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि वैभव खण्डेलवाल के साथी आरोपी कुणाल यादव, वासु सिंह राजपूत और अब्दुल अलीम पोटिया रोड स्थित एक रेस्टोरेंट के पास संदिग्ध हालत में मौजूद हैं।

सूचना पुख्ता होने पर थाना प्रभारी ने गवाहों को साथ लेकर मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की और तीनों को दबोच लिया। आरोपी इंजीनियर वैभव के ये सभी सहयोगी की जिम्मेदारी अलग-अलग थी। कंपनी में पार्टनर होने के नाते ये बड़ी कंपनियों से डील करते थे और दवा ऑर्डर करते थे। पुलिस की पूछताछ में वैभव ने इसकी जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि ग्राहकों को खोजने और नशीली दवाओं को बेचने के लिए इन तीनों की अहम भूमिका थी।

पुलिस ने जब इन आरोपियों को गिरफ्तार किया तो भी ये नशीली दवाओं की बिक्री के लिए ग्राहक की तलाश में थे। पुलिस ने इन आरोपियों के पास में भी नशीली दवाएं बरामद की है।इसमें आरोपी कुणाल यादव से अल्प्रज़ोलम की 01 स्ट्रीप कुल 10 गोली, आरोपी वासू सिंह राजपूत से अल्प्रजोलम की 02 स्ट्रीप कुल 20 गोली और आरोपी अब्दुल अलीम से अल्प्रजोलम की कुल 15 गोली मिली है।

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