कोंडागांव : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोंडागांव में एक लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली सिरबत्ती ने आत्मसमर्पण किया है. सरेंडर नक्सली सिरबत्ती उर्फ बत्ती कोर्राम पूर्वी बस्तर डिवीजन की सप्लाई टीम की सक्रिय सदस्य थी. सिरबत्ती के साथ डीएकेएमएस के 2 सदस्यों ने भी सरेंडर किया है. तीनों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है.
सरेंडर करने वाले डीएकेएमएस सदस्यों में मातला क्षेत्र से डीएकेएमएस सदस्य जगत राम और किसकोड़ो क्षेत्र से डीएकेएमएस सदस्य लच्छन शामिल हैं. दोनाें ही नक्सली लंबे समय से नक्सल संगठन से जुड़े हुए थे. सुरक्षा बलों की लगातार दबिश और शासन की पुनर्वास नीति का असर है जो नक्सली जंगल छोड़ शांति का रास्ता चुन रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक के समक्ष किया आत्मसमर्पण
तीनों नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इस मौके पर पुलिस अधीक्षक पंकज चन्द्रा के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार डाण्डे, उप पुलिस अधीक्षक सतीष भार्गव और सीआरपीएफ 188वीं व 12वीं वाहिनी के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान, सिविक एक्शन कार्यक्रमों और शासन की विकास योजनाओं से ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है. इसी का परिणाम है कि अब नक्सली बड़ी संख्या में समाज की मुख्यधारा में लौटकर शांति और विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं.
नक्सलियों को दिया गया 50 हजार कैश रिवार्ड
आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों को कैश रिवार्ड दिया गया. तीनों नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025” के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है. साथ ही, अन्य पुनर्वास सुविधाएं मुहैया कराने की प्रक्रिया भी जारी है.
सरेंडर नक्सलियों ने बताया कि सुरक्षा बल के अभियानों, संगठन में लगातार बढ़ते मतभेदों, वरिष्ठ नक्सली नेताओं के आत्मसमर्पण और एक सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने की इच्छा के चलते उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया.
51 नक्सलियों ने किया था आत्मसर्पण
बुधवार को बीजापुर में 51 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. इनमें कई नक्सलियों पर इनाम भी रखा गया था. पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन कार्यक्रम के तहत ये सरेंडर किया गया. आत्मसमर्पित 51 नक्सलियों में 9 महिलाएं और 42 पुरुष शामिल थे. इन सभी पर 66 लाख रुपयों का इनाम था. बीते 10 महीनों में 461 माओवादी मुख्यधारा में लौटे है, 138 मारे गए और 485 गिरफ्तार किए गए. ये शांति और विकास की ओर बड़ा कदम है.
