रायपुर : नक्सल मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर है. नक्सलियों का सेंट्रल कमेटी मेंबर गणेश उइके एनकाउंटर में ढेर हो गया. पुलिस और नक्सलियों के बीच ओडिशा में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें गणेश उइके मारा गया है. इसके मारे जाने के बाद नक्सल संगठन को एक बार फिर से बड़ा झटका लग गया. इस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है.
इस बार फंस गया गणेश उइके
ओडिशा के कंधमाल गंजम जिले के राम्पा के जंगल में नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना थी. इस पर बुधवार की रात को स्पेशल फोर्स SOG व सीआरपीएफ व बीएसएफ़ की संयुक्त टीम निकली थी. यहां सुरक्षा बलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई. जिसमें कुछ नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है. बताया जा रहा है कि इलाके में रुक-रुक कर अभी भी मुठभेड़ चल रही है. इस मुठभेड़ में नक्सलियों के शवों को भी बरामद किया गया है. मारे गए नक्सलियों में से एक नाम गणेश उइके का भी आ रहा है. जोकि नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर है और ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव भी है. इस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है.
दो महिला नक्सली भी मारी गईं
दो महिला समेत चार नक्सलियों के शव को जवानों ने बरामद किया है. माओवादियों के शीर्ष 6 माओवादियों में से गणेश उइके एक है. जो सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। इसकी मौत के बाद अब देश में केवल पांच शीर्ष नेता बचे हैं.
कौन है गणेश उइके ?
नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर गणेश उइके तेलंगाना का रहने वाला है. ये गणेश, राजेश तिवारी, चमरू दादा, गजराला रवि, सोमरू के नाम से भी जाना जाता था. वह नक्सलियों की ओडिशा राज्य स्टेट कमेटी का सचिव और नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर था. इस पर 40 लाख रुपये का इनाम घोषित था. ओडिशा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों की पुलिस को इसकी तलाश थी.
छत्तीसगढ़ के बस्तर सहित अन्य इलाकों में सक्रिय था. एके 47 अपने साथ लेकर चलता था. मोस्ट वांटेड इनामी नक्सली था. इसका मारा जाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है. दरअसल ये कई बार मुठभेड़ों से बच निकला है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. वह सुरक्षाबलों के घेरे में फंसकर आखिरकार मारा गया.
