महासमुंद : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में सड़क हादसे की शक्ल में सामने आई दो मौतों की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है। पुलिस ने खुलासा किया है कि यह कोई सामान्य एक्सिडेंट नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या थी। महासमुंद सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के खरोरा–साराडीह नेशनल हाईवे-353 पर हुए सड़क हादसे में दो लोगों की मौत ने पूरे इलाके को दहला दिया था। लेकिन इस हादसे के पीछे की असल कहानी और भी खौफनाक निकली।
मुख्य आरोपी अमन अग्रवाल के दिल में पिछले 5 साल से बदले की आग जल रही थी। जमीन विवाद के दौरान मृतक जितेंद्र चंद्राकर ने उसे सबके सामने थप्पड़ जड़ दिया था। उसी अपमान का बदला लेने के लिए अमन ने मौका तलाशना शुरू किया।” बता दें जितेंद्र, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति थे।
घटना के दिन अमन अपने साथी वीरेंद्र विश्वकर्मा के साथ दिनभर जितेंद्र की तलाश करता रहा। रात करीब साढ़े सात बजे मौका मिलते ही उसने अपनी कार (नंबर सीजी 04 Q 5836) से स्कूटी को पीछे से जोरदार टक्कर मारी। स्कूटी पर सवार जितेंद्र चंद्राकर और उसका दोस्त अशोक साहू सड़क पर गिर पड़े।
लेकिन अमन ने यहीं नहीं रोका – उसने अपनी कार चढ़ाकर जितेंद्र की मौके पर ही हत्या कर दी, जबकि अशोक साहू गंभीर रूप से घायल होकर तड़पता रहा। हत्या के बाद अमन अग्रवाल और उसका साथी सीधे थाने पहुंच गए और पुलिस को गुमराह करने के लिए इस घटना को सड़क हादसा बताने लगे। लेकिन कहते हैं पाप छिपाए नहीं छिपता।
खौफनाक साजिश से उठा पर्दा
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा खुद मौके पर पहुंचे और इसे एक्सिडेंट नहीं बल्कि हत्या करार दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की। अमन ने आखिरकार पूरा सच उगल दिया और इस खौफनाक साजिश से पर्दा उठ गया।”
तीन आरोपी गिरफ्तार
“पुलिस ने मुख्य आरोपी अमन अग्रवाल और उसके साथी वीरेंद्र विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं तीसरे आरोपी अजीत बघेल पर भी कार्रवाई की गई है, क्योंकि वह पूरे मामले की जानकारी रखते हुए अपराध को छिपाने की कोशिश कर रहा था। तीनों पर हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी अमन अग्रवाल के अलावा उसके साथियों वीरेंद्र विश्वकर्मा और अजीत बघेल को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एक सड़क हादसे के नाम पर की गई खौफनाक हत्या ने पूरे जिले को हिला दिया है। प्रारंभ में मामूली धाराओं में मामला दर्ज हुआ था, लेकिन जांच के बाद 103(1) हत्या और 61(2) षड्यंत्र जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गईं।
