दुर्ग। चोरी की घटनाएं आए दिन पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज होती रहती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से सामने आया एक मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां का एक चोर मंदिरों की दान पेटियों को निशाना बनाता था। इसकी वजह उसके भीतर भगवान के प्रति नाराजगी थी। दरअसल, यह युवक गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। लंबे इलाज के बाद भी उसे कोई राहत नहीं मिली। धीरे-धीरे उसने भगवान पर से विश्वास खो दिया और उसी नाराजगी के चलते मंदिरों से चोरी करने लगा। पुलिस ने अब इस अनोखे चोर को गिरफ्तार कर लिया है।
खुशहाली बीमारी ने बदल दी सोच, भगवान से उठा भरोसा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी का नाम यशवंत उपाध्याय है और वह दुर्ग जिले का रहने वाला है। कई वर्षों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे यशवंत ने इलाज पर काफी पैसा खर्च किया, लेकिन बीमारी से छुटकारा नहीं मिला। इससे वह मानसिक रूप से टूट गया। उसकी नाराजगी भगवान से हो गई। उसने सोचा कि जब भगवान उसकी मदद नहीं कर रहे, तो उनके मंदिरों में जमा चढ़ावे को लूटना ही सही होगा। इसी सोच ने उसे लगातार अपराध की राह पर धकेल दिया।
इस तरह देता था वारदात को अंजाम
यशवंत चोरी करने से पहले मंदिरों की रेकी करता था। रेकी पूरी होने के अगले दिन वह अपनी जूपीटर गाड़ी से मंदिर के पास पहुंचता और कुछ दूरी पर गाड़ी खड़ी कर देता। फिर कपड़े बदलकर पैदल मंदिर की ओर बढ़ता। वहां ताला तोड़कर दान पेटी को निशाना बनाता और नकदी निकाल लेता। वारदात पूरी करने के बाद वह फिर अपनी गाड़ी के पास लौटता, दोबारा कपड़े बदलता और किसी और गली या मोहल्ले से भाग निकलता। उसकी यही चालाकी उसे लंबे समय तक पकड़ से बचाए रही। सीसीटीवी फुटेज में भी बार-बार कपड़े बदलने की वजह से उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया था।
कैमरों से बचने का अनोखा तरीका पु
लिस जांच में सामने आया है कि चोरी के बाद आरोपी कभी भी मुख्य मार्ग से नहीं भागता था। वह हमेशा गली-मोहल्लों के रास्तों का इस्तेमाल करता था ताकि किसी भी हाई-रेजोल्यूशन कैमरे में उसकी तस्वीर कैद न हो पाए। हालांकि, आखिरकार शहरवासियों द्वारा अपने घरों और दुकानों में लगाए गए अच्छी क्वालिटी के कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हुए। इन्हीं फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान की और गिरफ्तारी की।