मेडिकल क्यूब्स “भीष्म” से सुसज्जित हुआ एम्स : आपदा आने पर 10 मिनट में तैयार होगा पोर्टेबल अस्पताल 

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रायपुर : आरोग्य मैत्री परियोजना के तहत किसी भी तरह की आपदा आने पर भीष्म मेडिकल क्यूब्स से दस मिनट के भीतर पोर्टबल अस्पताल तैयार हो जाएगा। ऑपरेशन थियेटर, इमरजेंसी वार्ड, जीवन रक्षक दवा, वेंटिलेटर सहित कई उपकरण से सुसज्जित इस अस्पताल के एक यूनिट में 2 सौ मरीजों का इलाज करने की क्षमता होगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स को इस मेडिकल क्यूब्स से लैस किया गया है। सबसे सुविधाजनक बात यह होगी कि इसे किसी भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में हवाई मार्ग से भी पहुंचाया जा सकेगा। यह मेडिकल क्यूब्स सौर ऊर्जा पर आधारित होगा और आपतकाल में बैकअप के लिए जनरेटर की व्यवस्था भी होगी। भीष्म मेडिकल क्यूब्स प्राकृतिक आपदाओं, सामूहिक दुर्घटनाओं और संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित ट्रॉमा केयर और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गया है।

प्रत्येक क्यूब 10-15 मिनट के भीतर एक पूर्ण रूप से कार्यशील मोबाइल अस्पताल में परिवर्तित हो सकता है, जिसमें ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन वार्ड, जीवन रक्षक दवाएं, रक्त परीक्षण किट, वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर, एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन, स्ट्रेचर व अन्य आवश्यक उपकरण सम्मिलित हैं। चिकित्सकों ने बताया कि एआई-आधारित निगरानी प्रणाली मरीजों की स्वास्थ्य स्थितियों की रियल-टाइम ट्रैकिग करती है, और इसका जलरोधीडिजाइन बाढ़ व भारी वर्षा के दौरान भी कार्यशील रहता है।

नक्सल विरोधी अभियान में हो सकते हैं उपयोगी

चिकित्सकों के अनुसार मेडिकल क्यूब्स न केवल आपदा जैसी परिस्थितियों में लोगों की जान बचाने में सहायक होंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र में, विशेष रूप से नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान, त्वरित और गुणकतापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में भी बेहद उपयोगी सिद्ध होंगे। इस अवसर पर आयोजित एक बड़े ओरिएंटेशन और प्रशिक्षण कार्यक्रम में 500 डॉक्टर, नर्स, पेरामेडिक्स, पुलिसकर्मी, सशस्त्र बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएप और एएनटीएफ के सदस्य सम्मिलित हुए।

आपदा प्रतिक्रिया क्षमता में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा

एम्स में भीष्म (भारत हेल्‍थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एवं मैत्री) परियोजना का औपचारिक उद्घाटन हुआ, जो कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यह क्यूब्स हमारी आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आएंगे। एम्स के कार्यकारी निदेशक अशोक जिंदल ने कहा कि परियोजना का उद्घाटन हमारे संस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए ऐताहासिक क्षण है।

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