विधानसभा : जल जीवन मिशन में पिछडा  प्रदेश, तेलीबांधा में बिना अनुमति डिवाइडर बनाने की जांच का ऐलान

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल में तखतपुर क्षेत्र में जल जीवन मिशन का मुद्दा गूंजा। तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल किया कि, 3 साल में जल जीवन मिशन के तहत क्षेत्र के किन गांवों में काम हुए। कितने काम पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण हैं।

वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल पर मंत्री अरुण साव ने बताया कि, जल जीवन मिशन मोदीजी की महत्वाकांक्षी योजना है। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन में प्रगति नहीं हुई। नई सरकार ने इस मिशन पर गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। श्री साव ने कहा कि, इस मिशन के काम में अब हम देश में 33 वें नंबर से अब 24 वें नंबर पर आ गए हैं। मंत्री ने बताया कि, तखतपुर में जो काम बचे हैं उन्हें भी पूरा कर लिया जाएगा। पूरे प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण काम हो यह प्रयास होगा। जल्द से जल्द जल जीवन मिशन का काम पूरा होगा।

तेलीबांधा में डिवाइडर पर अजय ने उठाया सवाल

इसके बाद तेलीबांधा में डिवाइडर निर्माण का मुद्दा उठाते हुए वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने डिप्टी सीएम अरुण साव से सवाल पूछा। उन्होंने लागत, टेंडर और अनुमति को लेकर सवाल किया। इस पर डिप्टी सीएम  अरुण साव ने बताया कि, नगर निगम की अनुमति के बगैर यह निर्माण किया गया है। NHAI से भी अनुमति मिलने की कोई जानकारी नहीं है। निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा- जादू से सड़क बन गई है। ऐसे कौन लोग हैं जिनके जादू के प्रभाव में सब दिख रहे हैं। 2 करोड़ के टेंडर को 10 टुकड़ों में जारी किया गया। बगैर अनुमति कैसे डिवाइडर का निर्माण कर लिया गया।

संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जांच का ऐलान 

इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, नगर निगम या NHAI ने कोई निर्माण नहीं किया है। फिर भी डिवाइडर का निर्माण किया गया है। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी। तेलीबांधा से VIP चौक तक डिवाइडर निर्माण मामले की जांच अब बगैर अनुमति निर्माण कैसे हो गई इस बिंदु पर होगी।

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