कवर्धा। कवर्धा के भोरमदेव अभ्यारण में एक बार फिर से जंगल सफारी की कवायद शुरू हो गई है और इसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। भोरमदेव अभ्यारण 352 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल पर फैला हुआ है जिसकी पहाड़ियां मैकल पर्वत श्रेणियों को जोड़ती हैं, जिसका नजारा पर्यटकों को खूब भाता है।
अभ्यारण के 60 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल कोर एरिया में आता हैं जहाँ बाघ, तेंदुआ, वनमैसा, भालू, नीलगाय, मोर, सोनकुता, हिरण और बारहसिंघा मौजूद हैं। इसके साथ ही यहाँ ‘ऑरेंज ओकलीफ’ नाम की दुर्लभ तितलियाँ भी पाई जाती हैं, जो आकर्षण का केंद्र है।
बैटरी से चलने वाली जिप्सी से कराई जाएगी सफारी
भोरमदेव अभ्यारण में जंगल सफारी चलाने के लिए टीम ने ट्रैक सर्वे भी कर लिया है। पर्यटकों को लगभग 50 किलोमीटर का सफारी कराया जाएगा। यहां की खासियत यह है कि, इलैक्ट्रिक जिप्सी से सफारी कराई जाएगी। यह इतना पावरफुल होगा कि, नदी और पहाड़ों पर भी आसानी से चल सकेगा।