बाढ़ में बहे दो लोगो का मिला शव : चार दिन बाद भी 2 बच्चो का नहीं मिला सुराग, सर्च में जुटी एसडीआरऍफ़ की टीम

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सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर में अचानक आई मैनी नदी की बाढ़ के चपेट में आकर चार लोग लापता हो गए। सभी खुखड़ी बीनकर घर लौट रहे थे। लापता चार लोगों में से तीन लोगों का चार दिन बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पीड़ित परिवार समेत ग्रामवासी पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीम लापता तीनो की तलाश में जुटी हुई है।

घटना स्थल से 20 से 25 किलोमीटर दूर पड़ोसी जिले तक नदी के दोनों ओर का चप्पा-चप्पा छान मारा लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा। लापता लोगो का कोई सुराग नही मिलने से पीड़ित परिवार काफी दुःखी एवं मायूस हैं। इस संबंध में विधायक रामकुमार टोप्पो ने जशपुर जिले के एसपी से संपर्क साधते हुए लापता तीनो की तलाश में सहयोग की बात कही है।

नदी पार करते समय हुआ हादसा

विदित हो कि, गुरुवार को दोपहर में ग्राम ढोढागाँव निवासी सुरेश नागवंशी की 25 वर्षीय पत्नी बिनावती अपने तीन साल के मासूम पुत्र एरियस एवं कष्ट की 45 वर्षीय पत्नी सोमारी अपनी छः वर्षीय पोती अनिका के साथ मैनी नदी पार करके खुखड़ी बीनने गए हुये थे। खुखड़ी बीनने के बाद लगभग चार बजे के आसपास चारो घर वापस आ रहे थे। तभी मैनी नदी पार करते हुए अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गए और देखते भर में लापता हो गए।

इस घटना की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया था। पीड़ित परिवार समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुँचे और लापता चारो को ‘तलाशना शुरू कर दिया। तलाशी के दौरान तेज बारिश और अंधेरा हो जाने के कारण लापता लोगों को तलाशना मुश्किल हो रहा था। इसलिए पीड़ित परिवार समेत ग्रामीण थक हार कर वापस लौट आए। अगले दिन प्रशासन पुलिस एवं एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुँच गई थी। जहाँ पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों संग मिलकर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन नदी उफान में होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाना संभव नहीं लग रहा था।जिसकी वजह से बिना रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीआरएफ की टीम समेत पुलिस को वापस लौटना पड़ा।

इस दौरान पीड़ित परिजन एवं ग्रामीणों ने हार नहीं मानी और वो लगातार लापता लोगो के तलाश में जुटे रहे। तभी नदी का जलस्तर कम होते ही उन्हें बीच नदी मे झाड़ियों और पत्थरों के बीच एक शव फंसा नजर आया। जिसे देख तलाशी अभियान में जुटे पीड़ित परिवार संग ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। लेकिन नदी का बहाव तेज होने की वजह से वहाँ से शव बाहर निकाल पाना संभव नहीं लग रहा था। चट्टान और झाड़ियों के बीच फंसा हुआ शव 45 वर्षीय सोमारी का था। जिसकी शिनाख्त अगले दिन पुलिस संग एसडीआरएफ की टीम द्वारा शव बाहर निकालने के बाद हुई। सोमारी का शव बरामद करने के बाद पूरे दिन लापता अन्य तीनो की तलाश की गई लेकिन उनका कोई सुराग नही मिला। ‘तलाशी के चौथे दिन भी जशपुर जिले के वनगांव तक जाकर तीनो की तलाश की गई पर कोई सुराग हाथ नही लगा। तलाशी अभियान चलते तक एसडीआरएफ की टीम गांव में ठहरी हुई है। चार दिन बाद भी लापता तीनों का सुराग नही मिलने से परिवार काफी दुःखी एवं आहत है।

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