जान गंवाने वाले सनी द्विवेदी के भाई बोले- आतंकियों की तरह बर्ताव किया, छोटे बच्चे भी पत्थर मार रहे थे

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मऊगंज : मऊगंज हिंसा में जान गंवाने वाले सनी द्विवेदी के भाई ने अपना दर्द बयां किया है. रोहन द्विवेदी ने आपबीती सुनाते हुए बताया, ‘वो लोग आतंकवादी की तरह व्यवहार कर रहे थे. करीब 60 से 70 की संख्या में पुरुष थे. जबकि 30-40 महिलाएं थीं. उनके छोटे-छोटे बच्चे भी पथराव कर रहे थे. अगर उनपर कार्रवाई नहीं की गई तो उनके हौसले बढ़ जाएंगे और वो आगे भी वारदात को अंजाम देंगे.’

‘मेरे ऊपर भी डंडे बरसाए’

रोहन द्विवेदी ने बताया कि वह मंजर खौफनाक था. उन्होंने कहा, ‘वो बहुत बड़ी संख्या में थे. उनके बच्चे भी पथराव कर रहे थे. उन्होंने मेरे ऊपर भी डंडे बरसाए. मुझे 15-20 डंडे मारे. केवल मेरे भाई को ही नहीं मारा बल्कि एक ASI की भी हत्या की है. उनके हमले में 4-5 कॉस्टेबल भी घायल हुए हैं. अगर उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की गई तो उनके हौसले आसमान पर होंगे. फिर वो आगे और भी ऐसी हिंसक घटनाएं कर सकते हैं.’

मेरे पिता जी ने ही उन्हें रहने के लिए जमीन दी

मृतक सनी द्विवेदी के भाई ने बताया, हमारे उनके बीच में कोई विवाद नहीं है. मुझे नहीं पता उन लोगों ने ऐसा क्यों किया है. मेरे पिता जी ने तो बहुत पहले उन्हें रहने के लिए जमीन भी दी थी. हमारे उनके बीच कोई विवाद नहीं था.’

विस्तार से जानिए क्या है मामला

पूरा मामला मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव का है. यहां एक आदिवासी परिवार सनी द्विवेदी नाम के एक युवक को बंधक बनाकर पिटाई कर रहा था. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस युवक को छुड़ाने पहुंची. लेकिन तभी गुस्साए आदिवासियों ने पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया. जिसमें एक ASI की मौत हो गई. जबकि थाना प्रभारी संदीप भारतीय, हनुमना तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका, ASI बृहस्पति पटेल, SDOP रीडर अंकित शुक्ला समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इतना ही नहीं जिस युवक को बंधक बनाया था, उस युवक को भी आदिवासियों ने पीट-पीटकर मार डाला.

2 महीने पहले सड़क हादसे से जुड़ा है मामला

मामला 2 महीने पहले का है. जब सड़क हादसे में एक आदिवासी की मौत हो गई थी. परिवार ने मौत को हादसा नहीं हत्या बताया था और सनी द्विवेदी नाम के युवक पर हत्या का आरोप लगाया था. इसको लेकर आदिवासी परिवार ने सनी को पकड़कर बंधक बना लिया और उसकी पिटाई करने लगी. जैसे ही पुलिस युवक को छुड़ाने पहुंची तो आदिवासियों ने अचानक लाठी-डंडों और पत्थरों से पुलिस वालों पर भी हमला बोल दिया. आदिवासियों का आरोप है कि पुलिस मामले में सही से कार्रवाई नहीं कर रही थी.

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