चार दिन पुरानी लाश मिलने का मामला, बाइक हड़पने के लिए की थी हत्या, नाबालिग समेत तीन गिरफ्तार

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रायगढ़ जिले में पिछले दिनों मिलुपारा-बांजीखोल के केंदाडोंगरी पहाड़ी में एक युवक की चार दिन पुरानी लाश मिलने के मामले में पुलिस आरोपियों तक पहुंच चुकी है। अपने ही दोस्त की बाईक हडपने के चक्कर में तीन लोगों ने मिलकर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में नाबालिग सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मिलुपारा-बांजीखोल सड़क के किनारे केंदाडोंगरी पहाड़ी पर 20 अक्टूबर को एक युवक की लाश मिली थी। जिस पर पुलिस मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। जांच में पाया गया है कि युवक की हत्या की गई है, मामले में पुलिस ने नाबालिक सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में अन्य लोगों की संलिप्तता होने की आशंका पर भी तमनार पुलिस आगे की जांच की जा रही है। फिलहाल तमनार पुलिस ने नाबालिक को बालसुधार गृह भेज कर एक आरोपी को रिमांड पर भेज दिया गया है, वही दूसरे आरोपी को रिमांड पर भेजने की तैयारी की जा रही है।

क्या है पूरा मामला 
मिली जानकारी के अनुसार, नरेंद्र उर्फ बोनु सारथी निवासी कंचनपुर और मृतक टिकेश्वर लोधा पिता श्यामलल उम्र 19 वर्ष निवासी नयारामपुर (बिछीनारा) के बीच कुछ दिन पूर्व पहचान हुई। इसी बीच मृतक अपनी बाइक से नरेंद्र के घर गया। जहां से दोनों गांजा और नशीली दवाई खाकर सराईडिपा की ओर घूमने के लिए गए। दोनों सराईडिपा पहुंच कर सड़क से गुजर रहे थे, तभी विजय चैहान और नाबालिक छत पर गांजा पी रहे थे। विजय चैहान और नरेंद्र के बीच पुरानी पहचान होने के कारण विजय ने नरेंद्र को आवाज लगाई। जिसके बाद मृतक और तीनों लड़के छत पर आ मिले, फिर सभी गांजा पीकर मिलुपारा-बांजिखोल की ओर घूमने निकल गए। जहां मृतक को ज्यादा नशा होने के कारण वह सड़क किनारे घास में लेट गया।

नरेंन्द्र ने रची साजिश 
नरेंद्र ने विजय और नाबालिक बालक को पूरी प्लानिंग बताई। उसने कहा कि टिकेश्वर को मार कर हम उसकी बाइक चुरा लेंगे और तीनों बारी-बारी से महंगी बाइक पर सवारी करेंगे। लेकिन विजय और नाबालिक लड़का डर गए, मान मन्नवल के बीच टिकेश्वर का नशा कम होने पर वह जाग गया। जिससे नरेंद्र उर्फ बोंदू की प्लानिंग धरी के धरी रह गई।

शराब पीने के बाद टैबलेट खाने का बनाया प्लान

टिकेश्वर के होश में आने पर उसे फिर नशा कराने के लिए चारों घरघोड़ा की ओर आ गए, जहां सभी मिलकर नशे के टैबलेट खरीदे। जिसके लिए 200 रूपये नाबालिक के द्वारा दिया गया। तभी सभी मिलकर यह फैसला किया कि पहले शराब पीते हैं उसके बाद टैबलेट खायेंगे। शराब भट्टी से शराब लेने के बाद चारों नजदीकी ढाबे में चले गए। जहां नाबालिक को छोड़कर तीनों शराब पिये और दूसरे ढाबा में खाना खाने की बात कहते हुए दूसरे ढाबे में चले गए। ढाबा में विजय के पहचान का शख्स राजेश मिल गया। जहां से फिर नाबालिक और टिकेश्वर को ढाबे में छोड़कर, विजय, नरेंद्र और राजेश शराब लेने के लिए शराब की दुकान चले गए। जहां राजेश को अत्यधिक नशा होने के कारण वह उल्टी करने लगा। तभी नरेंद्र किसी से बात करने के लिए विजय का मोबाइल ले लिया। फिर वह मोबाइल को वापस किये बगैर सीधे ढाबे में टिकेश्वर और नाबालिक के पास आ गया। इसी बीच विजय ने अपने किसी पहचान के आदमी के साथ राजेश को घर भिजवा दिया।

पेट्रोल पंप में गिरवी रखा मोबाइल 

नरेंद्र के ढाबा आने के बाद तीनों गाड़ी में पेट्रोल डलवाने के लिए नायरा पेट्रोल पंप गए फगुरम गए। जहां उन्होंने गाड़ी में 1170 रुपए का पेट्रोल डालकर टंकी फुल कराई, लेकिन उनके पास पैसा नहीं होने पर चोरी के मोबाइल को पेट्रोल पंप में पैसे की एवज में रख दिया और बोला कि सुबह आकर पैसे दे दूंगा और मोबाइल ले जाऊंगा। तीनों पेट्रोल डला कर जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें विजय मिल गया। फिर चारों एक साथ घूमते घूमते पूरी रात बिता दिए। चारों सुबह 4 बजे फिर सराईडिपा पहुंचे, जहां से फिर चारों घूमते घूमते मिलुपारा-बंजिखोल पहाड़ी पर पहुंच गए। पहाड़ के कुछ ऊंचाई पर पहुंचने पर चारों फिर गांजा का सेवन किये इसके बाद नरेंद्र ने पहाड़ के ऊपर जाने की बात कही गई। पहाड़ के और ऊपर जाने के बाद फिर सभी मिलकर गांजा पिये। जहां टिकेश्वर फिर फुल नशे में आ गया और सर झुका कर बैठ गया। जहां फिर तीनों मिलकर टिकेश्वर को मारने की प्लानिंग बनाये। लेकिन उनके पास टिकेश्वर को मारने के लिए कोई बड़ा हथियार नही था। तब नरेंद्र पास के ही झाड़ी से एक डंडा तोड़ा और विजय को थमा दिया। फिर विजय ने टिकेश्वर के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया, जिससे वह जमीन पर लेट गया।

पत्थर व चाकू से भी किया हमला

टिकेश्वर के जमीन में लेटने के बाद नाबालिक ने पत्थर से टिकेश्वर के सिर में वार कर दिया और नरेंद्र अपने पास रखे एक चाकू से उसका गला रेत दिया, जिससे टिकेश्वर के गले से खून निलने लगा। फिर तीनों टिकेश्वर की बाइक का नम्बर प्लेट को तोड़कर फेंक दिए और सराईडिपा आ गए, जहां तीनो ने फिर से गांजा का सेवन किया और फिर बाइक की पहचान छुपाने के लिए तीनो स्टिकर लगवाने तमनार आ गए।

बुआ घर में छिपा था विजय

मृतक युवक टिकेश्वर की बाईक को लेकर विजय रायगढ़ आ गया और किसी परिचित के घर पर बाइक को छोड़कर वह अपने परिचित की बाइक लेकर पूंजीपथरा के आस पास अपने बुआ के घर चला गया। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस घटना में प्रयुक्त डंडा, मृतक की बाइक को जप्त कर लिया है।

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