रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी को रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों की दुबारा रिमांड मांगी, जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने टामन सिंह सोनवानी और एसके गोयल को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब दोनों आरोपी 7 दिसंबर तक जेल में रहेंगे। एक हप्ते पहले उन्हें और एसके गोयल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
अभ्यर्थियों से लाखों रुपये रिश्वत लेने का आरोप
सीबीआई ने कुछ महीने पहले ही सोनवानी के घर पर छापा मारा था। चेयरमैन के पद पर रहने के दौरान सोनवानी पर चयन के एवज में अभ्यर्थियों से लाखों रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। साथ ही तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव और अन्य लोगों के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप लगे हैं।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन का काम राज्य में विभिन्न विभागों में भर्तियां कराने का होता है। इसी में से एक भर्ती राज्य सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठने वालों के लिए आयोजित कराई जाती है। इसके तहत डीएसपी, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर, ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर, एक्साइज सब-इंस्पेक्टर जैसे पदों के लिए भर्ती होती है। सीजी पीएससी की ऐसी ही एक भर्ती में घोटाले का आरोप लगा है। परीक्षा में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। 18 अभ्यर्थियों के सलेक्शन पर सवाल खड़े किए गए हैं।
करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित इस घोटाले के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन के तत्कालीन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप हैं। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।