रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है. कल यानी कि 15 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे भी आ जाएंगे. ऐसे में किस सीट पर किस पार्टी का पलड़ा भारी है. निकाय चुनाव में बीजेपी या कांग्रेस कौन बाजी मरेगा. ये पूरा समीकरण जान लीजिए.
10 नगर निगम का हाल, भाजपा-कांग्रेस किसका पलड़ा भारी
छत्तीसगढ़ के 10 नगर निगम में नगरीय निकाय चुनाव हुए है. जिनमें 5 पर बीजेपी आगे नजर आ रही है, जबकि बाकी 5 सीटों पर बीजेपी कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
- रायपुर में बीजेपी का पलड़ा भारी
राजधानी रायपुर में बीजेपी प्रत्याशी मीनल चौबे और कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे के बीच टक्कर है, लेकिन बीजेपी की तुलना में यहां कांग्रेस कई मामलों में पीछे दिखाई दे रही है, क्योंकि लोगों में कांग्रेस के पिछले महापौर को लेकर नाराजगी रही. साथ ही भ्रष्टाचार और विकास की रुकी रफ्तार के साथ स्मार्ट सिटी के पैसों में गड़बड़ी का मामला भी बीजेपी के पक्ष में गया.
- राजनांदगांव में भाजपा आगे
वहीं राजनांदगांव नगर निगम में भी बीजेपी आगे दिख रही है. यहां विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता के चलते पूर्व महापौर मधुसूदन यादव बड़े अंतर से जीत सकते हैं. साथ ही मधुसूदन यादव की व्यक्तिगत छवि भी बीजेपी को मजबूत कर रही है.
- रायगढ़ में कांग्रेस पीछे
इसके साथ ही रायगढ़ नगर निगम में भी बीजेपी आगे दिख रही है और बीजेपी प्रत्याशी जीववर्धन चौहान एकतरफा बढ़त दर्ज करते नजर आ रहे हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी जानकी काटजू को लेकर लोगों के बीच नाराजगी रही, क्योंकि महापौर रहते हुए जानकी काटजू कामकाज को लेकर पीछे रह गए. कांग्रेस को रायगढ़ में बागी और पूर्व महापौर जेठूराम के चलते भी बड़ा नुकसान हुआ है और चुनाव प्रचार में भी बीजेपी प्रभारी ओपी चौधरी ने कांग्रेस प्रभारी उमेश पटेल की तुलना में ज्यादा दम खम दिखाया है.
- धमतरी में खिलेगा ‘कमल’
धमतरी नगर निगम में भी बीजेपी प्रत्याशी रामू जगदीश रोहरा की जीत फाइनल है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन रद्द होने के बाद माहौल पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में है.
- दुर्ग में भी भाजपा आगे
इसके साथ ही दुर्ग नगर निगम में भी बीजेपी प्रत्याशी अलका बाघमार, कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमलता साहू से आगे नजर आ रही हैं. लोगों ने यहां स्थानीय मुद्दे जैसे कि सड़क, बिजली और नाली को लेकर वोट किया. इन मुद्दों को लेकर काम करने में कांग्रेस के पिछले महापौर नाकाम रहे. साथ ही कांग्रेस कार्यकाल में बने ठगड़ा बांध को लेकर हुए भ्रष्टाचार का आरोप भी कांग्रेस को बैकफुट पर डाल सकता है.
इन सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस में काटें की टक्कर
ये तो बात रही उन पाँच सीटों की जहां बीजेपी बढ़त बनाते नजर आ रही है. इसके अलावा बाकी के पांच सीट जहां काटें की टक्कर नजर आ रही है.
- अंबिकापुर में भाजपा – कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला
अंबिकापुर में काटें की टक्कर नजर आ रही है. BJP उम्मीदवार मंजूषा भगत कांग्रेस की एंटी इनकमबेंसी, महिला उम्मीदवार की सिंपैथी और सीएम साय के रोड शो के चलते चुनाव जीत सकती हैं, तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार डा. अजय तिर्की मुस्लिम और ईसाई वोट बैंक के साथ मंजूषा भगत के पक्ष में BJP के कई नेताओ का प्रचार में साथ नहीं मिलने के चलते चुनाव जीत सकते हैं.
- चिरमिरी में भाजपा -कांग्रेस ने झोंकी ताकत
ऐसी ही स्थिति चिरमिरी नगर निगम में भी है. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. विनय जायसवाल पूर्व विधायक रहे हैं और इनको जीताने के लिए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने पूरी ताकत झोंक दी. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कोरबा सीट ही एक मात्र ऐसी सीट थी जिसपर कांग्रेस जीत पाई और चिरमिरी नगर निगम उसी कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, हालांकि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजेपी प्रत्याशी राम नरेश राय को चुनाव जीताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी.
- बिलासपुर में भी कड़ी टक्कर
वहीं न्यायधानी बिलासपुर में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर का मुकाबला है. यहां सरल स्वभाव के कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक के लिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज जैसे बड़े नेता चुनाव प्रचार में उतरे. साथ ही छत्तीसगढ़िया और गैर छत्तीसगढ़िया प्रत्याशी का मामला भी कांग्रेस के पक्ष में गया है. इन सब के बीच प्रमोद नायक महिला आयोग अध्यक्ष कीरणमयी नायक के देवर हैं. जिससे महिला वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में आ सकता है, लेकिन पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल की सक्रियता और रणनीति बीजेपी प्रत्याशी पूजा विधानी को मजबूत बना रही है. इसके साथ ट्रिपल इंजन सरकार से विकास की धारणा और कांग्रेस के पूर्व महापौर से नाराजगी भी बीजेपी को यहां मजबूत कर रही है.
- जगदलपुर में भाजपा -कांग्रेस के बीच मुकाबला
अगर जगदलपुर नगर निगम की बात करें तो. यहां भी काटें की टक्कर नजर आ रही है. यहाँ कांग्रेस के मलकीत सिंह गैदु बीजेपी के संजय पाण्डेय को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, हालांकि प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के सक्रियता का लाभ बीजेपी को मिल सकता है, लेकिन ईसाई वोट बैंक यहाँ बीजेपी को मुश्किल में डाल सकता है.
- कोरबा में भी कड़ा मुकाबला
वहीं कोरबा नगर निगम में भी कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. यहां बीजेपी प्रत्याशी संजू राजपूत और कांग्रेस प्रत्याशी उषा तिवारी के बीच कांटे का मुकाबला है. कांग्रेस के पूर्व महापौर से नाराजगी और मालती किन्नर के मजबूत प्रभाव से बीजेपी को फायदा हो सकता है, तो नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का प्रचार कांग्रेस को बढ़त दिला सकता है, क्योंकि कोरबा सीट से चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं.